रायपुर: वेंटिलेटर को लेकर छत्तीसगढ़ का सियासी पारा हाई हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर को खराब बताया तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए राज्य सरकार पर घटिया वेंटिलेटर खरीदने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार को बताना चाहिए कि पीएम केयर फंड से कितना वेंटीलेटर खरीदा गया था? और उसे किस जिले में भेजा गया, वहीं छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि राज्य सरकार ने पीएम केयर फंड के माध्यम से वेंटिलेटर ही नहीं खरीदा है, जो वेंटिलेटर छत्तीसगढ़ आया है वो केंद्र ने दिया है। अब सवाल ये है कि आखिर बिगड़ा और घटिया वेंटीलेटर छ्त्तीसगढ़ में कैसे पहुंचा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
कोरोना काल में पीएम फंड से वेंटिलेटर खरीदी को लेकर इन दिनों छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि पिछले साल कोरोना संक्रमण काल में राज्य सरकार ने पीएम केयर फंड से 70 वेंटीलेटर खरीदे, जिसमें से दो वेंटीलेटर को छोड़कर सभी 68 वेंटीलेटर की क्वालिटी घटिया के हैं। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए वेंटीलेटर जिलों में कंडम हालत में पड़े हुए है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को बताना चाहिए कि पीएम केयर फंड से कितने वेंटीलेटर खरीदे गए थे? उसे किस जिले में भेजा गया।
वहीं, नेता प्रतीपक्ष का कहना है कि उन्हें जिस तरह की शिकायतें लगातार मिल रही है,उसके मुताबिक राज्य सरकार ने पीएम केयर फंड की राशि का दुरुपयोग किया है और जो वेंटिलेटर की खरीदी की गई वह उचित मापदंड और उचित सर्टिफिकेशन के नहीं है।जिससे यह बात साबित हो जाती है कि सरकार कैसे मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रही है। वहीं बीजेपी नेता ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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इधर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पीएम केयर फंड से राज्य सरकार ने वेंटिलेटर नहीं खरीदा है। केंद्र सरकार ने ही पीएम केयर फंड से वेंटिलेटर खरीदी कर के छत्तीसगढ़ को भेजे थे जो खराब निकले, जिसका इस संक्रमण काल में भी उपयोग नहीं हो पा रहा है। रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक ने प्रदेश में गुणवत्ता विहीन वेंटिलेटर भेजे जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ की जनता से सौतेला व्यहवार करने का आरोप लगाया। वहीं रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने भाजपा के सारे आरोप को बेबुनियाद और तथ्यहीन बताया है।
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण के इस समय में भी सत्तापक्ष और विपक्ष वेंटिलेटर खरीदी के मामले में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते जा रहे है। वहीं दूसरी जनता वेंटिलेटर की कमी से मरीजों को परेशानी हो रही है। सवाल ये उठता है कि इस भयानक दौर में भी पक्ष विपक्ष इस मुद्दे को लेकर कितने गंभीर है? वहीं सवाल ये भी की आखिर बिगड़ा हुआ वेंटीलेटर छ्त्तीसगढ़ में कैसे पहुंचा इसके लिए कौन जिम्मेदार है?