बैंक खाता और सिम कार्ड के लिए आधार अनिवार्य नहीं, मोदी कैबिनेट में कानून संशोधन को मंजूरी | No bank mandate for bank account and SIM

बैंक खाता और सिम कार्ड के लिए आधार अनिवार्य नहीं, मोदी कैबिनेट में कानून संशोधन को मंजूरी

बैंक खाता और सिम कार्ड के लिए आधार अनिवार्य नहीं, मोदी कैबिनेट में कानून संशोधन को मंजूरी

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:29 PM IST
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Published Date: December 18, 2018 3:58 am IST

नई दिल्ली। मोबाइल नंबर और बैंक खाते को आधार कार्ड से स्वैच्छिक रूप से जोड़ने कानून में संशोधन के लिए विधेयकर लाने के प्रस्तावों को संसद में मंजूरी दे दी गई। 

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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता मैं हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक मैं यह फैसला लिया गया।  मंत्रिमंडल ने टेलीग्राफ अधिनियम और मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम में संशोधन के लिए प्रस्तावित विधेयकों के मसौदों को मंजूरी दी। यह निर्णय निजी कंपनियों को ग्राहकों के सत्यापन के लिए जैविक पहचान वाले आधार के इस्तेमाल पर सितंबर में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद किया गया है। कोर्ट ने इस तरह के उपयोग के लिए कानूनी प्रावधान न होने के मद्देनजर यह रोक लगाई थी। इन कानूनों में प्रस्तावित संशोधन इसी के मद्देनजर किए जा रहे हैं।

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दोनों अधिनियमों को संशोधित किया जाएगा ताकि नए मोबाइल नंबर लेने या बैंक खाता खोलने के लिए ग्राहक स्वेच्छा से 12 अंकों वाली आधार संख्या को साझा कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 को निरस्त कर दिया था। यह धारा सिम तथा बैंक खाता के साथ आधार को जोड़ना अनिवार्य बनाती थी। इस समस्या से निजात पाने के लिए टेलीग्राफ अधिनियम को संशोधित किया जा रहा है। इससे आधार के जरिए सिमकार्ड जारी करने को वैधानिक समर्थन मिलेगा। इसी तरह मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम में संशोधन से बैंक खातों से आधार को जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा।

 

 

 
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