नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के मामले में दोषियों की फांसी पर अंतिम फैसला आने में अभी और समय लग सकता है। ऐसा इसलिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने रविवार को केंद्र की उस अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों की फांसी की सजा पर रोक को चुनौती दी गई है।
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निर्भया गैंगरेप के दोषी अक्षय, विनय और पवन के वकील एपी सिंह ने दिल्ली कोर्ट में कहा कि ‘इस मामले में जल्दबाजी क्यों? जल्दबाजी में न्याय का मतलब है न्याय को दफनाना.’ सिंह ने आगे कहा कि दोषी गरीब, ग्रामीण और दलित परिवारों से संबंध रखते हैं। कोर्ट को इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए।
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दोषियों ने कोर्ट में दलील दी कि एक ही आदेश के जरिए मौत की सजा सुनाई गई है, इसलिए उन्हें एक साथ फांसी देनी होगी और उनकी सजा पर अलग-अलग समय पर नहीं किया जा सकता।
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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका को सुनियोजित चाल बताते हुए अपनी दलील में कहा कि ‘समाज और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए इन सभी दोषियों को तुरंत फांसी पर लटकाने की जरूरत है’।
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4 hours ago