निर्भया केस: दिल्ली कोर्ट के जज ने कहा- 'कानून जीने की इजाजत देता है तो फांसी देना पाप' | Nirbhaya gangrape case: Delhi judge said- 'Hanging the law is a sin if the law allows it to live'

निर्भया केस: दिल्ली कोर्ट के जज ने कहा- ‘कानून जीने की इजाजत देता है तो फांसी देना पाप’

निर्भया केस: दिल्ली कोर्ट के जज ने कहा- 'कानून जीने की इजाजत देता है तो फांसी देना पाप'

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 PM IST
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Published Date: February 8, 2020 9:07 am IST

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर कानून दोषियों को जीने की इजाजत देता है तो उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप होगा।

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बता दें कि निर्भया के गुहागारों को जल्दी से फांसी देने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर कर डेथ वारंट जारी करने की मांग की गई थी। लेकिन कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी देते हुए इस याचिका को रद्द कर दिया।

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इधर कोर्ट के इस जवाब को सुनने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अदालत ने आज भी डेथ वारंट जारी नहीं किया है जबकि कोई केस लंबित नहीं था। अदालत के पास शक्ति थी और हमारे पास समय था। उन्होंने कहा कि यह हमारे साथ अन्याय है।

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बता दें कि निर्भया के चार दोषियों में से अक्षय, मुकेश और विनय अपने कानूनी अधिकारों का प्रयोग कर चुके हैं। जबकि चौथे दोषी पवन ने अभी तक क्यूरेटिव और दया याचिका के अधिकार का प्रयोग नहीं किया है। वहीं राष्ट्रपति ने दोषियों की क्षमा याचिका खारिज कर चुकी है।

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