नईदिल्ली। निर्भया केस में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषियों को एक हफ्ते का समय दिया है, कोर्ट ने कहा है उसके बाद फिर सजा पर रोक नही लगाई जा सकेगी। हाईकोर्ट ने अलग अलग फांसी देने की अर्जी खारिज कर दी है। लेकिन हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी काननूी कार्रवाई एक हफ्ते में पूरी की जाएं।
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गृह मंत्रालय की अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। केंद्र सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पटियाला हाउस कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें निर्भया के चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगाई गई थी। इस याचिका पर शनिवार और रविवार को विशेष सुनवाई हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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इससे पहले मंगलवार को निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली हाई कोर्ट से केंद्र की याचिका के जल्द निपटारे को लेकर गुहार लगाई थी, ताकि दोषियों को जल्द फांसी दी जा सके। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए निर्भया के अभिभावकों को यह आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द आदेश पारित किया जाएगा।
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हाईकोर्ट में रविवार को हुई विशेष सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि दुष्कर्मी जानबूझकर और सोचे-समझे तरीके से दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन नहीं दाखिल कर रहे हैं और यह कानूनी आदेश को कुंठित करने का मंसूबा है। उन्होंने फांसी में जरा सी भी देर न किए जाने की अपील की और कहा- तेलंगाना में लोगों ने दुष्कर्म के दोषियों के एनकाउंटर का जश्न मनाया था। दोषियों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने दलील दी थी कि अगर दोषियों को मौत की सजा एकसाथ दी गई है, तो उन्हें फांसी भी एकसाथ दी जानी चाहिए।
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