शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की नई तबादला नीति से शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। शिक्षकों को अब अनुबंध सेवाकाल का लाभ नहीं मिलेगा इसके साथ ही नौकरी नियमित होने पर इन्हें दोबारा से दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं देने जाना पड़ेगा। सरकार ने अनुबंध पर नियुक्त शिक्षकों को तबादला नीति में शामिल नहीं किया है।
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अनुबंध पर नियुक्त अधिकांश शिक्षकों को उनकी पहली नियुक्ति दूरदराज के क्षेत्रों में मिली है। ऐसे में नई तबादला नीति इन शिक्षकों के लिए नियमित होने पर भी परेशानी का सबब बनेगी। वर्तमान में हजारों शिक्षक अनुबंध पर नियुक्त हैं। साल में दो बार 31 मार्च और 30 सितंबर को तीन साल का सेवाकाल पूरा करने पर इन्हें नियमित किया जाता है। अनुबंध काल के दौरान शिक्षकों के तबादले भी नहीं होते हैं।
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जब ये शिक्षक नियमित होंगे तो इन्हें दोबारा से इन्हीं क्षेत्रों में सेवाएं देनी पड़ेंगी। अनुबंध अवधि से नियमित होने पर तबादले तय करने के लिए फिलहाल नई नीति में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। भविष्य में इसको लेकर सरकार फैसले ले सकती है। लेकिन अभी अनुबंध पर नियुक्त शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति में कोई राहत नहीं दी गई है। प्रदेश में जल्द ही करीब चार हजार नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है।
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