नई दिल्ली। संसद की कैंटीन के खाने में मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने के बाद कई चीजों की कीमत तीन गुना तक बढ़ गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने पिछले हफ्ते ही संसद की कैंटीन से मिलने वाले भोजन पर सब्सिडी खत्म करने का ऐलान किया था। इसके बाद अब यहां भोजन के दाम तीन गुना तक बढ़ गए हैं।
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नई रेट लिस्ट के हिसाब से कैंटीन में नॉनवेज बफे लंच के लिए 700 रुपए खर्च करने होंगे। इसके अलावा अब चिकन बिरयानी 100 रुपए, चिकन करी 75 रुपए, प्लेन डोसा 30 रुपए, मटन बिरयानी 150 रुपए में मिलेगी। अब वेजिटेबल पकौड़े के लिए 50 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इसके नाश्ते में पूड़ी भाजी, पनीर पकौड़े, खिचड़ी और सलाद के लिए 50 रुपए खर्च करना होगा, जबकि चाय के लिए 5 रुपए, समोसे के लिए 10 रुपए और उपमा के लिए 25 रुपए तक खर्च करने होंगे। दूसरी तरफ डोसा 60 रुपए का होगा।
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शाकाहारी थाली की कीमत 35 रुपए से बढ़कर 100 रुपए पहुंच गई है, वहीं सबसे महंगी नॉनवेज थाली है, जिसके दाम 700 रुपए हैं। कैंटीन में मिलने वाली सबसे सस्ती चीज रोटी होगी, जो कि तीन रुपए में मिलेगी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सब्सिडी समाप्त किए जाने से लोकसभा सचिवालय को सालाना 8 करोड़ रूपये की बचत हो सकेगी।
पहले क्या थी खाने की कीमत: हर साल संसद की कैंटीन को सालाना करीब 17 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी। 2017-18 में एक आरटीआई में संसद की रेट लिस्ट सामने आई थी जिसके मुताबिक, संसद की कैंटीन में चिकन करी 50 रुपए में और वेज थाली 35 रुपए में परोसी जाती है। वहीं थ्री कोर्स लंच की कीमत करीब 106 रुपए थी। इतना ही नहीं साउथ इंडियन फूड में डोसा सांसदों को मात्र 6 रुपए में मिलता था, जबकि मटन कटलेट 18 रुपए, उबली हुई सब्जियां पांच रुपए में मिलती थीं। इन सब आइटमों पर 60 से 80 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती थी।
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हालांकि, IANS का कहना है कि इससे 17 करोड़ रुपए तक की बचत होगी। संसद की कैंटीन को पहले नॉर्दर्न रेलवे संचालिकृत करती थी। हालांकि, अब इसे भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) संसद की कैंटीनों का संचालन करेगा। बताया गया है कि आईटीडीसी फाइव स्टार अशोका होटल के शेफ द्वारा तैयार किए गए खाने के सामान सांसदों को परोसे जाएंगे।
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2 hours ago