काठमांडू। भारत और नेपाल के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में आई दरार के चलते अब नेपाल ने अपना वह प्रस्ताव वापस ले लिया है जिसमें कि भारत के कुछ हिस्से को हाल ही में प्रकाशित नए नक्शे में दिखाया गया था। नेपाल की तरफ से जारी नए नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए आज संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखा जाना था।
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लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर आज संसद की कार्यसूची से संविधान संशोधन की कार्यवाही को हटा दिया। इस मामले में नेपाल में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों दलों की सहमति मिली है। इसके पहले मंगलवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नए नक्शे वाले मुद्दे पर राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जहां सभी दलों ने हर मसले को भारत के साथ बातचीत के जरिए सुलझाने का सुझाव दिया था।
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इसके लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल से बातचीत के लिए माहौल बनाने की मांग की थी, नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र दिखाए जाने पर भारत ने प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। भारत ने यह भी कहा कि नेपाल सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करे।
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दरअसल, नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी शामिल किया गया है। इसे 8 मई को भारत द्वारा उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन करने की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है, क्यों कि इस पर नेपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
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