काठमांडू। नेपाल में भारी भूकंप की आशंका जताई गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओं का दावा है कि साल 2015 की तरह ये भूकंप भी विनाशकारी हो सकता है। इसका असर नेपाल और भारत के सीमाई इलाके और नेपाल दक्षिण-पश्चिमी इलाका बेहद घनी आबादी में हो सकता है। अगर भूकंप आता है तो यहां पर बड़ी तबाही होगी। हो सकता है कि वह 2015 से ज्यादा खतरनाक हो। उसकी तीव्रता 7.8 से ज्यादा हो सकती है।
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शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि भूकंप आने पर सबसे ज्यादा बुरी हालत नेपाल के दक्षिण-पश्चिम इलाके में हो सकती है। नेपाल में आने वाले भूकंप ने के लिए गंगा नदी के बहाव क्षेत्र के नीचे जमीन के अंदर होने वाले बदलाव प्रमुख जिम्मेदार होंगे।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक नेपाल जिस जगह पर स्थित है, वहां से हिमालयन प्लेट्स और फॉल्ट्स की शुरुआत होती है। भारतीय टेक्टोनिक प्लेट्स और फॉल्ट्स लगातार हिमालय की तरफ खिसक रही हैं। इस दबाव की वजह से गंगा के बहाव क्षेत्र के नीचे की जमीन से आवाजें आ रही हैं। ये आवाजें बता रही हैं कि यहां धरती हिल सकती है।
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2015 के भूकंप को छोड़ दें तो पिछले एक सदी में कोई बड़ा भूकंप नेपाल में नहीं आया। लेकिन जमीन के नीचे लगातार हलचल रिकॉर्ड हो रही है। बदलाव की आशंका है। इससे यह संभावना है कि नेपाल में कभी भी एक बड़ा भूकंप आ सकता है, जो कि भयावह तबाही सामने लाएगा।
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जॉन वॉल्ड्रन के मुताबिक आमतौर पर फॉल्ट्स एक हजार साल या उसके आसपास एकदूसरे से टकराते हैं या स्लिप करते हैं। ऐसे में भूकंप आता है। नेपाल की जमीन के नीचे एक ऐसा फॉल्ट है जो कभी भी खिसक सकता है। इससे भयानक भूकंप आने की आशंका है।
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