मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को बड़ी राहत मिली है। 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाला मामले में अजित पवार को क्लीन चीट मिल गई है। बता दें कि 27 नवंबर को एसीबी ने बॉम्बे बाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था। हलफनामे में कहा गया है कि तत्कालीन वीआईडीसी चेयरमैन अजित पवार को क्रियान्वयन एजेंसियों के कृत्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका ऐसा कोई भी कानूनी दायित्व नहीं बनता है। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के करीब 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में एसीबी ने नवंबर 2018 में पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया था।
Maharashtra’s anti-corruption bureau (ACB) clears NCP’s Ajit Pawar of allegations in irrigation scam.The affidavit, submitted on 27 Nov at Bombay HC,states ‘Chairman of VIDC (Ajit Pawar) can’t be held responsible for acts of executing agencies,as there’s no legal duty on his part pic.twitter.com/C31dKmyABQ
— ANI (@ANI) December 6, 2019
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महाराष्ट्र एसीबी ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि करोड़ों रुपए के कथित सिंचाई घोटाला मामले में उसकी जांच में राज्य के पूर्व पवार तथा अन्य सरकारी अधिकारियों की ओर से भारी चूक की बात सामने आई है। सिंचाई घोटाला करीब 70,000 करोड़ रुपए का है, जो कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान अनेक सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी देने और उन्हें शुरू करने में कथित भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।
अजित के पास महाराष्ट्र में 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी थी। एसीबी महानिदेशक संजय बारवे ने एक स्वयंसेवी संस्था जनमंच की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष एक हलफनामा दाखिल किया था।
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