नरवा कार्यक्रम को बड़ी उपलब्धि, वॉटर अवॉर्ड के लिए बिलासपुर और सूरजपुर का चयन | Narva program a major achievement, Central government selected Bilaspur and Surajpur districts for National Water Award

नरवा कार्यक्रम को बड़ी उपलब्धि, वॉटर अवॉर्ड के लिए बिलासपुर और सूरजपुर का चयन

नरवा कार्यक्रम को बड़ी उपलब्धि, वॉटर अवॉर्ड के लिए बिलासपुर और सूरजपुर का चयन

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:29 PM IST
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Published Date: October 28, 2020 7:10 am IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। मुख्यमंत्री के नरवा कार्यक्रम को केन्द्र सरकार पुरस्कृत करेगी। नरवा कार्यक्र के तहत पिछले दो साल में नदी-नालों के पुनरोद्धार के लिए किए गए कार्यों के लिए प्रदेश के बिलासपुर जिले और जल संरक्षण के कार्यो के लिए सूरजपुर जिले को भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय की ओर से देश के सर्वश्रेष्ठ जिलों में प्रथम स्थान मिला है।  केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय द्वारा जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये दोनों जिलों को सन् 2019 का नेशनल वाटर अवार्ड प्रदान किया जाएगा। इसमें बिलासपुर जिले को ईस्ट अण्डर रिवाइवल ऑफ रिवर कैटेगरी में और सूरजपुर जिले को ईस्ट अण्डर वाटर कन्जर्वेशन कैटेगरी पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार नवंबर माह में प्रदान किया जाएगा।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में नई सरकार के गठन के साथ ही छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी ‘नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी’ ऐला बचाना हे संगवारी के विजन के साथ प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन प्रदान जो बीड़ा उठाया है। वह अब धरातल पर साकार होता दिखाई देने लगा है। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना का एक महत्वपूर्ण घटक नरवा कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी जिलों में बड़ी संख्या में नदी और नालों के संरक्षण और संवर्धन के कार्य किए जा रहे हैं।

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इससे पेयजल की उपलब्धता, सिंचाई साधनों का विकास, भू-जल के रिचार्ज के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नया जीवन प्रदान हो रहा है। नरवा कार्यक्रम के तहत बिलासपुर जिले में विभिन्न नदियों एवं नालों में 47 स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया एवं 17.508 मिलियन घन मीटर जल भराव क्षमता का सृजन किया गया तथा 152 किलोमीटर लम्बाई तक नदियों एवं नालों में जलभराव सुनिश्चित किया गया। इसके साथ ही जिले में 49 लघु जलाशय योजनायें निर्माणाधीन हैं जिनसे 48.53 मिलियन घन मीटर जल भराव क्षमता सृजित होगी। इससे 181 किलोमीटर लम्बी नदी एवं नालों में जल भराव होगा।

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बिलासपुर जिले में प्रवाहित होने वाली 13 मुख्य नदियों एवं नालों तथा स्थानीय नालों की कुल लम्बाई 2352.56 किलोमीटर है। इसमें जल संसाधन विभाग ने एक वृहद, एक मध्यम तथा 165 लघु जलाशय एवं 117 एनिकट का निर्माण किया गया है। कुल 1146.90 किलोमीटर नदी नालों का पुनरोद्धार जल संसाधन विभाग ने किया है। इन नदी-नालों में 284 स्ट्रक्चर निर्मित किये गये हैं, जिनमें से खारंग नदी में 13, शिवनाथ में 5, लीलागर में 13, अरपा में 17, सोन नदी में 12, मनियारी नदी में 8, घोंघा नाला में 12, गोकने नाला में 5, तुंगन नाला में 3, नर्मदा नाला में 3, चांपी नाला में 3, एलान नाला में 4, जेवस नाला में 5 और लोकल नालों में 181 लघु जलाशय और एनीकट का निर्माण किया गया है।

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इसी तरह सूरजपुर जिले में जल संरक्षण और भूमिगत जल के स्तर को उठाने के लिए डबरी महाभियान कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें हितग्राही मूलक डबरी, कूप के अलावा छोटे-बड़े नालों का चिन्हांकन कर उन्हें पुर्नजीवित करने के गैवियन, लुज बोल्डर चेक डेम, व्रश वुड जैसे संरचना का निर्माण किया गया। डबरी महाभियान के तहत पिछले दो सालों में लगभग 7 हजार डबरी और 4200 कूप का निर्माण किया गया है। इसमें लगभग 18 हजार एकड़ भूमि सिंचित हुई और किसान साल भर में दो बार फसल लेने लगे है। इसके अलावा पिछले दो साल में छोटे-बड़े नालों का चिन्हांकन कर उन्हें पुर्नजीवित करने का कार्य शुरू किया गया। इसमें 29 अरदन डेम, 55 गैब्रियन, 57 स्टाप डेम, 10 अंडर ग्राउंड डायक, 4500 एलबीसीडी स्ट्रक्चर तथा 10 हजार कन्टूर ट्रेंच तथा 30 हेक्टेयर में सव गली प्लग जैसी संरचनाओं का निर्माण किया गया। जिससे करीब 12 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता का विकास हुआ है एवं भूमिगत जल में वृद्धि हुई है।