गांव में नहीं है मुक्तिधाम, हरी फसल काटकर परिजनों ने किया अंतिम संस्कार | Muktidham is not in the village, family harvested last crop after harvesting green crop

गांव में नहीं है मुक्तिधाम, हरी फसल काटकर परिजनों ने किया अंतिम संस्कार

गांव में नहीं है मुक्तिधाम, हरी फसल काटकर परिजनों ने किया अंतिम संस्कार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : February 22, 2021/6:13 pm IST

दतिया: भले ही राज्य सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मामला दतिया जिले के ग्राम पंचायत रिछारी के गांव जखोरिया का है जहां करीब 1 हजार की आबादी के बावजूद अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम नहीं है। इस गांव में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके अंतिम संस्कार के लिए शासकीय भूमि तक नसीब नहीं है।

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दरअसल जखोरिया के बुजुर्ग कामता प्रसाद कुशवाहा का निधन होने के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए निजी खेत में खड़ी हरी फसल काटकर अंतिम संस्कार करना पड़ा। आरोप है कि गांव की शासकीय भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। यदि गांव में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसे अपनी निजी भूमि में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है।

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