कोरोना ने छीन ली लाखों युवाओं की रोजी-रोटी, स्ट्रीट वेंडर बनकर भविष्य संवारने का सपना देख रहे 10 से अधिक शिक्षित बेरोजगार | MP Lockdown: More than 10 unemployed people dreaming of building their future by becoming street vendors

कोरोना ने छीन ली लाखों युवाओं की रोजी-रोटी, स्ट्रीट वेंडर बनकर भविष्य संवारने का सपना देख रहे 10 से अधिक शिक्षित बेरोजगार

कोरोना ने छीन ली लाखों युवाओं की रोजी-रोटी, स्ट्रीट वेंडर बनकर भविष्य संवारने का सपना देख रहे 10 से अधिक शिक्षित बेरोजगार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : July 5, 2021/6:07 pm IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना काल में सबसे ज्यादा असर निजी क्षेत्रों में काम करने वाले युवाओं पर पड़ा है। शहर जाकर युवा कई निजी कंपनियों में काम करते थे, लेकिन मगर कोरोनाकाल में कंपनियां बंद हो गई। काम करने वाले युवा बेरोजगार होकर अपने गांव लौट गए, अब ये युवा सब्जी भाजी, पान ठेला लगाने के लिए आवेदन कर रहा है। ताकि खुद का और परिवार का पेट पाल सके।

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कोरोना महामारी इंसान को कहीं का नहीं छोड़ा, जिंदगी बचाने का संकट खड़ा हुआ तो कहीं जिंदा इंसान के लिए भूखे मरने की नौबत आ गई। इन दिनों सबसे ज्यादा तनाव में युवा बेरोजगार हैं। पढ़े-लिखे युवा नौकरी नहीं मिलने के कारण पान ठेले और गुमटी लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

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फुटपाथ पर सब्जी, चाय-पान आदि बेचने की अनुमति के लिए स्ट्रीट वेंडर योजना में 10 लाख से अधिक आवेदन आए हैं। स्ट्रीट वेंडर योजना में अशिक्षित वर्ग के 2 लाख 77 हजार 974 लोगों ने आवेदन किया, तो 10वीं पास युवाओं की संख्या 1 लाख 40 हजार 37 हैं। 12वीं पास 1 लाख 10 हजार 528 युवाओं ने आवेदन किया है, तो वहीं 51 हजार 117 ग्रेजुएट लोगों ने योजना में अप्लाई किया है। इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएट की संख्या 9 हजार 213 है।

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कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लोगों के सामने रोजगार का भीषण संकट खड़ा हो गया है। फुटपाथ पर सामग्री बेचने वालों में बेरोजगार युवाओं के साथ महिलाओं की भागीदारी भी कम नहीं है। वहीं अब कांग्रेस बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेर रही है, तो वहीं सरकार पढ़े लिखे युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर मान रही है।

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सरकार रोजगार देने के लाख दावा करे, मगर हकीकत यही है कि मध्यप्रदेश का युवा रोजगार की तलाश में दर दर की ठोंकरे खा रहा है। जिनके पास प्राइवेट नौकरी थी महामारी ने वो भी छीन ली। यही वजह है कि लाखों युवा बेरोजगार अब स्ट्रीट वेंडर बनकर भविष्य संवारने का सपना देख रहे है।

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