1 महीने में राज्य के 50 फीसदी से ज्यादा किसानों ने बेचा धान, अब तक 55.32 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी | More than 50 percent farmers of the state sold paddy in 1 month

1 महीने में राज्य के 50 फीसदी से ज्यादा किसानों ने बेचा धान, अब तक 55.32 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी

1 महीने में राज्य के 50 फीसदी से ज्यादा किसानों ने बेचा धान, अब तक 55.32 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 PM IST
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Published Date: January 5, 2021 12:06 pm IST

रायपुर। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में एक महीने में ही कुल पंजीकृत 21.48 लाख किसानों में से आधे से ज्यादा किसान अपना धान बेच चुके हैं। धान खरीदी के लिए अभी 25 दिन बाकी है। खरीफ वर्ष 2020-21 में गतवर्ष की तुलना में अधिक धान खरीदी होने का अनुमान है। राज्य सरकार द्वारा अब तक धान खरीदी के लिए 3 लाख 30 हजार गठान बारदानों की व्यवस्था कर ली गई है। भारत सरकार से जनवरी 2021 में धान खरीदी के लिए 35 हजार गठान नये जूट बारदानों की अतिरिक्त आपूर्ति करने की मांग की गई है।

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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। किसानों से खरीदे गए धान का ऑनलाईन भुगतान उनके खातों मंे निरंतर किया जा रहा है। राज्य में कुल पंजीकृत 21 लाख 48 हजार किसानों में से अब तक 14 लाख 31 हजार किसानों से 55 लाख 32 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। राज्य के मिलरों को 17 लाख 34 हजार मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। मिलरों द्वारा 14 लाख 10 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी में राज्य के किसानों को कोई असुविधा नही होने के निर्देश दिए गए हैं। धान खरीदी शुरू होने से पहले ही खरीदी के लिए बारदाना, चबूतरा निर्माण, किसानों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था खरीदी केन्द्रों में किया गया है।

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राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान खरीदी के लिए 3 लाख 50 हजार गठान बारदानें उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था। भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को आपूर्ति की जाने वाली बारदानें में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। अब तक राज्य को केवल एक लाख 9 हजार गठान बारदानें ही प्राप्त हुए है। भारत सरकार द्वारा बारदानों की आपूर्ति में भारी कटौती करने के कारण राज्य में धान खरीदी प्रभावित न हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 70 हजार गठान एचडीपीई, पीपी बारदाने अपने स्तर पर क्रय किए गए हैं। राज्य शासन द्वारा बारदाने की कमी को ध्यान में रखते हुए 30 हजार गठान एचडीपीई, पीपी के नये बारदानों का पुनः उपयोग करने की अनुमति कलेक्टरों को दी गई है।

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इसके अलावा जिला प्रशासन के जरिए पीडीएस एवं मिलर के पुराने बारदानों के शत प्रतिशत संग्रहण के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बारदानों की संभावित कमी को देखते हुए किसान बारदानों के साथ समिति के पुराने जूट बारदानों में भी धान खरीदी की अनुमति दी गई है। अब तक लगभग 16 हजार गठान किसानों के बारदाने एवं 114 गठान समिति के बारदानों में खरीदी की जा चुकी है। किसानों को उनके बारदानों का 15 रूपए प्रति बारदाना की दर से भुगतान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा बारदानों की संभावित कमी की पूर्ति के लिए नये जूट बारदानों की अतिरिक्त मांग के साथ अन्य वैकल्पिक प्रयास भी किए जा रहे हैं।