श्योपुर। मानसून की बेरुखी के चलते जिले में इस बार जल संकट गहरा सकता है। औसत से कम बारिश होने के चलते फसल के चौपट की संभावना बढ़ गई है। दूसरी ओर जिले में वाटर लेबल भी 280 से 290 फीट के तक जा गिरा है।
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जिसके चलते जिले में पेयजल की समस्या गहरा सकती है। रिकार्ड के अनुसार पिछले साल 10 अगस्त तक श्योपुर में 457 एमएम बारिश हो चुकी थी। वहीं इस बार 297 एमएम बारिश ही हुई है। बीते एक दशक से जिले में बारिश की हालत कुछ ऐसी है कि एक साल औसत बारिश होती है।
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दो साल औसत से कम बारिश होती है। इस साल अच्छी बारिश हुई, लेकिन बीते दो साल में बारिश का आंकड़ा औसत से आधा भी नहीं रहा। उल्लेखनीय है कि मानसून के शुरूआत में अच्छी बारिश हुई। लेकिन जुलाई महीने में बारिश नहीं हुई। जिसक बाद अब किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही है।
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