रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को भाजपा ने नक्सली घटनाओं का लेकर स्थगन का प्रस्ताव पेश किया। इससे पहले पूर्व विधायक भीमा मंडावी की हत्या के मामले पर चर्चा हुई। मामले को लेकर विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि भीमा मंडावी ने लापरवाही बरती थी। सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। जबकि नक्सलवाद का सबसे बड़ा दंश हमने झेला है। निजी कारण से कहीं जाने की वजह से भीमा ने सुरक्षा लौटा दी गई थी।
विधायक सत्यनारायण शर्मा के इस संबोधन को लेकर भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने अपत्ति जताते हुए कहा कि ये स्थगन प्रस्ताव भीमा मंडावी की हत्या पर हो रही है और कांग्रेस विधायक इसे झीरम कांड से जोड़ रहे हैं।
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इससे पहले भाजपा विधायकों ने सदन में कहा कि लोकसभा में मोदी जी को प्रचुर सफलता मिलने पर सदन में उन्हें बधाई देना चाहिए। इस पर सदन में चर्चा करनी चाहिए ताकि केंद्र सरकार के तालमेल से राज्य का विकास का मार्ग प्रशस्त हो। इस पर स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर सदन में चर्चा होनी चाहिए। भाजपा विधायकों के इस प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ।
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इसके बाद अध्यक्ष चरणदास महन्त ने कहा कि नक्सली घटनाओं में वृद्धि के संबन्ध स्थगन प्रस्ताव आया है।उन्होंने स्थगन प्रस्ताव में भाजपा सदस्यों ने राज्य में नक्सली घटनाएं बढ़ने की बात कही। राज्य सरकार की नक्सलियों को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं हैं, वो नक्सलियों क्रांतिकारी कह संबोधित करते हैं। अध्यक्ष ने इस पर सरकार को पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया, साथ ही कहा कि सरकार का पक्ष आने के बाद तय किया जाएगा कि इसे ग्राहण किया जाए या नहीं।
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