नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के बाद अब चंद्रयान-3 को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल 2020 में चंद्रयान-3 को चंद्रमा की तरफ भेजा जाएगा। इसे लेकर इसरो ने कई समितियां बनाई गई है।
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सूत्रों के मुताबिक इसरो ने पैनल के साथ तीन सब समितियों की अक्तूबर से लेकर अब तक तीन उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। इस नए मिशन में केवल लैंडर और रोवर शामिल होगा। क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर ठीक तरह से कार्य कर रहा है। हाल ही में एक समीक्षा बैठक हुई। जिसमें विभिन्न सब समितियों की सिफारिशों पर चर्चा की गई। समितियों ने संचालन शक्ति, सेंसर, इंजिनियरिंग और नेविगेशन को लेकर अपने प्रस्ताव दिए हैं।
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वहीं, एक वैज्ञानिक ने कहा कि कार्य तेज गति से चल रहा है। इसरो ने अब तक 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं का खाका खींच लिया है। जिसमें लैंडिंग साइट, नेविगेशन और लोकल नेविगेशन शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि पांच अक्तूबर को एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है।
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सूत्रों मुताबिक इसरो एक नया लैंडर और रोवर बना रहा है। लैंडर पर पेलोड की संख्या को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। बात दें कि सितंबर में इसरो ने चंद्रयान-2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी जिसमें उसे सफलता नहीं मिल पाई। हालांकि ऑर्बिटर ठीक तरह से काम कर रहा है और वैज्ञानिकों का कहना है कि वह सात सालों तक अपना काम करता रहेगा।
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