कलयुग में भी होते हैं चमत्कार,अपरंपार है साईं की महिमा | Miracles also happen in Kalyug Sai is glorified

कलयुग में भी होते हैं चमत्कार,अपरंपार है साईं की महिमा

कलयुग में भी होते हैं चमत्कार,अपरंपार है साईं की महिमा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 PM IST
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Published Date: July 21, 2020 10:01 am IST

धर्म। जिनके चमत्कारों को सारा संसार जानता है, जिन्होंने समाज की भलाई में अपना जीवन गुजार दिया…जिनके संदेशों में सद्भभाव की धारा बहती है, उन्हें दुनिया साईं बाबा के नाम से पुकारती है। साईं बाबा का अवतरण 28 सितंबर 1835 को हुआ था। कहते हैं बाबा बाराती बनकर शिर्डी आए थे, फिर हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए।

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साईं बाबा ने अपना सारा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया। इन्होंने जन मानस को आडंबरों से दूर रहकर एक ईश्वर यानी परम ब्रम्ह की उपासना का रास्ता दिखाया। साईं बाबा हमेशा ये कहते रहे- सबका मालिक एक । साईं बाबा 15 अक्टूबर 1918 को इस लोक को छोड़ गए। उनका शरीर भले ही शिर्डी में उपस्थित न हो, लेकिन अपने संदेशों में, अपने उपदेशों में और अपनी चमत्कारिक कहानियों में आज भी वे जीवित हैं। आज भी कई स्थान ऐसे हैं..जहां साईं चमत्कारों से लोगों के बिगड़ी बना रहे हैं।

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भारत में शिर्डी के अलावा कई साईं दरबार हैं, सर्वधर्म समभाव का साईं का मत आज भी प्रासंगिक है। साईं बाबा ने संग्रह को कभी नहीं स्वीकारा, कुछ लेने पर कभी ध्यान नहीं दिया बल्कि सबको देते ही रहे। उनके दर पर जो भी सवाली जाता हैं, उन्हें अपना मनचाहा वर मिल ही जाता है। अपने लौकिक जीवन काल में वे हर पल पीड़ित मानवता की सेवा करते रहे। नर को नारायण मानकर उनके लिए स्वयं को समर्पित करते रहे।

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आज भी बाबा सूक्ष्म रूप में करोड़ों-करोड़ भक्तों के हृदय में निवास कर रहे हैं। साईं बाबा अपनी विराट शक्तियोंसे सबके दुख दूर कर रहे हैं। साईं बाबा ने ये बार-बार ये सिद्ध किया कि कलयुग में भी चमत्कार हो सकते हैं। एक आम सा दिखने वाले फकीर की ताक़त क्या होती है, आध्यात्मिक ऊर्जा क्या होती है इसके दर्शन साईं ने कराए।