ताश के पत्तों की तरह ढह गया करोड़ों का पुल और विधानसभा का नया भवन, यहां के सीएम ने दिए जांच के आदेश | Millions of bridges collapsed like a pack of cards and a new assembly building

ताश के पत्तों की तरह ढह गया करोड़ों का पुल और विधानसभा का नया भवन, यहां के सीएम ने दिए जांच के आदेश

ताश के पत्तों की तरह ढह गया करोड़ों का पुल और विधानसभा का नया भवन, यहां के सीएम ने दिए जांच के आदेश

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 PM IST
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Published Date: May 29, 2021 3:34 am IST

रांची। झारखंड में कांची नदी पर बना करोड़ों का पुल गुरुवार को ढह गया। सीएम हेमंत सोरेन ने इसके उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। कांग्रेस और बीजेपी का कहना है कि बिना उद्घाटन के ही करोड़ों की लागत से बना पुल कैसे गिर सकता था? उन्होंने करप्शन की आशंका जाहिर कर जांच की मांग की थी। हेमंत सोरेन ने साफ-साफ कहा है कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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झारखंड में निर्माण कार्य की गुणवत्ता और सरकारी राशि के दुरुपयोग को लेकर समय-समय पर कई सवाल उठते रहे हैं। अब रांची के तमाड़-बुंडू इलाके में कांची नदी पर करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से बने पुल के उद्घाटन के पहले ही ढह जाने की घटना से सरकारी सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में कांची नदी पर बने हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल ध्वस्त होने के मामले में उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘इस मामले में मैंने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे दिया है। मेरे सेवाकाल में भ्रष्टाचार और जनता के पैसों की लूट किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’

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इससे पहले घटना सामाने आने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने जांच का आदेश दिया है। उन्होंने विभागीय सचिव को टीम गठित कर उच्चस्तरीय जांच कराने को कहा है। पुल निर्माण के लगभग तीन वर्ष पूरे हुए थे और इसके बाद अब तक पुल को हैंडओवर नहीं किया गया था। आलम ने कहा कि इसके निर्माण में निश्चित रूप से खामियां रही होंगी और अब जांच में इसका खुलासा हो जाएगा।

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इधर, तमाड़ के झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक विकास सिंह मुंडा ने बताया कि इससे पहले भी इलाके में एक पुल ध्वस्त हुआ है और दोनों पुल का कंस्ट्रक्शन एक ही कंपनी ने किया है। इसलिए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल को रांची के एक चर्चित ठेकेदार ने बनाया है। पुल का संपर्क रोड भी नहीं बना है और इसका विधिवत उद्घाटन भी नहीं हुआ है। इससे पहले ही यह ध्वस्त हो गया।

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रांची में कांची नदी पर पुल बनानेवाले इस चर्चित ठेकेदार की चर्चा चारों तरफ है। हालांकि मंत्री और विधायक नाम लेने से परहेज कर रहे हैं। इतना जरूर कह रहे हैं कि उसने दो-दो पुल बनाए और दोनों गिर गए। विधानसभा का नया भवन बनाने का काम भी उसी ठेकेदार को मिला था, अभी कुछ दिन पहले ही उसका भी एक हिस्सा गिर गया था। उसके भी जांच के आदेश दिए गए थे।

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इतना ही नहीं लोगों का तो यहां तक कहना है कि झारखंड हाईकोर्ट में भी निर्माण कार्य का ठेका उसी आदमी को मिला था। ऐसे में लोग सवाल भी उठा रहे हैं कि आखिर वो कौन आदमी है जिसका नाम लेने से विधायक और मंत्री भी बचना चाह रहे हैं। हालांकि उसके कामों को गिनाना नहीं भूलते। ये सभी निर्माण कार्य पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए थे।

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झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा है कि रांची जिले के बुंडू प्रखंड के बुढ़ाडीह और हाराडीह के बीच कांची नदी पर बना पुल 27 मई को ढह गया। यह रांची जिले का सबसे लंबा पुल था और करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से तीन साल पहले इसका निर्माण ग्रामीण विकास ने कराया था। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि तीन प्रखंडों के करीब 40 गांवों को जोड़ने वाले इस पुल के ढह जाने के कारण जहां आम लोगों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, वहीं इस घटना ने झारखंड में पहले कराए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगा दिया है।

 

 
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