भोपाल। मध्यप्रदेश में मिलावटी सामग्री के खिलाफ पूरे सूबे में कार्रवाई जारी है। खाद्य विभाग लगातार छापेमारी कर मिलावट के काले कारोबार का खुलासा कर रहा है। वहीं सिंथेटिक दूध और दुग्ध उत्पाद समेत सभी पदार्थों में मिलावट को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपील की है कि प्रदेश को मिलावट मुक्त राज्य बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलावट से दूर रहने वाले व्यापारियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। (how to differentiate between real milk and synthetic milk)
ये भी पढ़ें: IBC24 की खबर दिखाए जाने के बाद हरकत में आया प्रशासन, 100 एकड़ में अवैध कब्जे का किया
बता दे कि मिलवाट युक्त दूध की पहचान आप खुद घर बैठे कर सकते हैं, इसके लिए आधा कप दूध को उतने ही पानी में मिलाएं, यदि झाग निकलता है तो उसमें डिटर्जेंट हो सकता है। सिंथेटिक दूध को उंगलियों के बीच रगड़ें। साबुन जैसा लगे तो सिंथेटिक दूध हो सकता है या दूध गर्म करने पर पीला हो जाए तो भी यह सिंथेटिक दूध हो सकता है। दूध में मिलावट, दूध में डिटर्जेंट, पानी और सिंथेटिक मिलाया जाता है। जोकि सेहत के लिए खतरनाक होता है।
ये भी पढ़ें: इस अधिकारी को एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लौटाते हुए पकड़ा, काम न
इसके अलावा दूध को दोनों हाथों में लेकर रगड़कर देखें। अगर दूध असली है, तो सामान्य तौर पर चिकनाहट महसूस नहीं होगी। लेकिन अगर दूध नकली है, तो इसे रगड़ने पर बिल्कुल वैसी ही चिकनाहट महसूस होगी, जैसा कि डिटर्जेंट को रगड़ने पर होती है।
ये भी पढ़ें: बीजेपी सदस्यता अभियान के लक्ष्य के करीब ओबीसी मोर्चा, इन्होंने कहा- 5 अगस्त तक पूरा हो जाएगा
इसके अलावा मावा पर फिल्टर आयोडीन की दो से तीन बूंद डालें। यदि मावा काला पड़ जाता है तो इसमें मिलावट है। वहीं पनीर में मिलावट पता करने के लिए पनीर को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। इसके बाद इसमें थोड़ा-सा आयोडीन सॉल्यूशन डालें, नीला रंग स्टार्च की मिलावट साबित कर देगा। वहीं देसी घी में आलू, अरारोट और रिफाइंड भी मिलाया जाता है। इससे घी का स्वाद बदल जाता है। साथ ही, ज्यादा दानेदार भी नहीं होता है। (synthetic milk in madhya pradesh)