पेईचिंग। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास जारी तनाव को लेकर शनिवार को भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत संपन्न हो गई है। भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह थे और साथ में ब्रिगेडियर ऑपरेशंस और दो चाइनीज इंटरप्रेटर भी मौजूद थे। चीन की तरफ से साउथ शिनजियांग मिलिट्री कमांड के कमांडर मेजर जनरल लियो लिन मौजूद थे। मोल्डो में 3 घंटे तक चली बैठक में चीन ने भारत से सड़क निर्माण रोकने को कहा, जवाब में भारत ने इस पर आपत्ति जताई।
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मीटिंग की ब्रीफिंग डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन और भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को दी जाएगी, यही जानकारी विदेश मंत्रालय के साथ NSA अजित डोभाल और प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी। इससे पहले भी सात बार मिलिट्री लेवल बातचीत दोनों देशों के बीच हो चुकी है, चार बार ब्रिगेडियर और तीन बार मेजर जनरल रैंक ऑफिसर के साथ ये बातचीत बेनतीजा निकली।
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सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में पैंगोंग सो लेक, फिंगर फोर और फिंगर फाइव में चीन के बढ़ते दबाव और एक्स्ट्रा तैनाती के साथ चीन ने जो टेंट और कैंप के साथ परमानेंट स्ट्रक्चर बनाया है उसके बारे में बातचीत की गई, इसमें साफ तौर पर कहा गया कि अप्रैल 2020 का स्टेटस चीन कायम करे।
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चीन की तरफ से कहा गया कि भारत कोई भी रोड कंस्ट्रक्शन नहीं कर सकता, हालांकि, ये एलएसी पर भारत की सीमा के अंदर है इसलिए चीन का इस पर कोई भी हस्तक्षेप नहीं बनता, भारत की तरफ से ये बात भी कही गई कि गलवान में चीनी सैनिकों की तैनाती को कम किया जाए और उनको अपनी जगह पर वापस भेजा जाए, इस इलाके में चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती भी पिछले दिनों कम की है और पीछे हटा है।
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भारतीय सेना के औपचारिक बयान के मुताबिक, किसी भी तरह की अटकलें बिलकुल गलत होंगी और दोनों देश मिलिट्री और डिप्लोमेटिक तरीके से विवाद को पूरी तरह से सुलझा सकते हैं, इसके लिए और भी बैठकें की जाएंगी। आज की बैठक पॉजिटिव नोट पर खत्म हुई है, लेकिन अभी भी बातचीत की जाएगी ताकि लद्दाख में एलएसी पर चीन के दबदबे को कम करते हुए तनाव को खत्म किया जा सके।
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