रायपुर। पंचायत चुनाव में ड्युटी न करने के लिए 92 कर्मचारियों ने गंभीर बीमारियों का हवाला देते हुए ड्यूटी न लगाने का आवेदन दिया था। जिसके बाद कर्मचारियों की मेडिकल बोर्ड से जांच व अनुशंसा प्रमाणपत्रों के आधार पर उन्हें चुनाव ड्यूटी से हटा दिया गया था। लेकिन बड़ी संख्या में बीमारियों के आवेदन आने पर निर्वाचन आयोग ने स्वास्थ्य शिविर में जांच के आदेश जारी कर दिए।
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स्वास्थ्य शिविर में जांच के बाद इनमें से 70 कर्मचारी स्वस्थ्य पाए गए, अब इनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए इन पर कार्यवाही की गई है। शेष 22 कर्मचारी बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं, जिन्हे चुनाव ड्यूटी से हटाने की अनुशंसा की है। बाकी कर्मचारियों को ड्युटी में लगा दिया गया है।
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ऐसे ही शेष दो चरणों के चुनाव के लिए भी आवेदन आ रहे हैं पर प्रशासन ड्युटी से बचने वाले कर्मचारियों पर सख्ती बरत रहा है। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश जारी किया है कि इस बार मेडिकल के आधार पर चुनाव ड्यूटी से हटने वाले कर्मचारी सतर्क रहें आवेदन के बाद मेडिकल जांच कराई जाएगी।
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अब ऐसे में सवाल यह है कि चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए चुनाव कर्मचारी झूठ का सहारा ले रहे हैं, बड़ी बात यह भी है कि मेडिकल बोर्ड भी बगैर बीमारी के अनुसंशा पत्र जारी कर देता है, चुनाव आयोग क्या ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा?
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