मुंबई | महाराष्ट्र का सियासी संग्राम अपने चरम स्तर पर है, राज्य में राजनीतिक उथल पुथल के बाद आज देश की सुप्रीम आदालत ने फैसला दिया, जिसके बाद कल राज्य में फ्लोर टेस्ट के बाद सरकार की स्थिति साफ हो पाएगी। कल मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणवीज बहुमत साबित करेंगे। बता दें शिवसेना-कांग्रेस और NCP दावा है कि उन्हें 162 विधायकों का समर्थन है, जबकि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि उन्हें 170 विधायकों का समर्थन है।
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288 विधायकों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 105, NCP के 54, शिवसेना के 56 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। 29 सीटों पर अन्य पार्टी का कब्जा है, जिसमें से 13 सीटें निर्दलीय के खाते में है। जहां बहुमत कां जादुई आंकड़ा 145 है, ऐसे में बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 35-40 विधायकों की जरुरत है। इसलिए अजित पवार को NCP से 36 विधायकों को अपने साथ लेना होगा, हालांकि अगर एक-दो विधायक कम होते हैं, तो निर्दलीय विधायकों का सर्मथन लिया जा सकता है।
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अगर अजित 36 या इससे ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल कर लेते हैं तो उन्हें नई पार्टी बनाने में मुश्किल नहीं होगी लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो बागी विधायकों की सदस्यता खत्म हो सकती है। उनके अलावा करीब 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा बीजेपी पहले ही कर रही थी। ये निर्दलीय शिवसेना और बीजेपी के बागी नेता हैं। ऐसे में बीजेपी के 105+36+13= 154 यानी फडणवीस सरकार आसानी से बहुमत साबित कर देगी।
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