भोपाल। समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर पहुँच गया है। मध्यप्रदेश में अभी तक 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। पंजाब दूसरे स्थान पर है। देश के सभी राज्यों द्वारा कुल उपार्जन गेहूँ का 33 प्रतिशत मध्यप्रदेश में उपार्जन किया गया है। पूरे देश में 3 करोड़ 86 लाख 54 हजार मेट्रिक टन गेहँ का उपार्जन किया गया है।
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गत वर्ष की तुलना में मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष मध्यप्रदेश में 73.69 लाख गेहूँ का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गेहूँ उपार्जन के लिए किसानों को बधाई दी है मुख्यमंत्री ने 23 मार्च से लगातार 75 बैठकें कर गेहूँ उपार्जन की प्रतिदिन समीक्षा की। कोरोना लॉकडाउन एवं निसर्ग तूफान के अवरोध को पीछे छोड़ते हुए उपार्जन कार्य में लगा अमला कोरोना योद्धा और मध्यप्रदेश के किसान कोरोना विजेता सिद्ध हुए है।
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मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की टीम और प्रदेश के किसानों को बधाई दी है। सरकार ने पिछले वर्ष उपार्जन केन्द्रों की संख्या 3 हजार 545 को बढ़ाकर 4 हजार 529 केन्द्र खोले गये। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसानों को एसएमएस भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई ताकि एसएमएस प्राप्त किसान ही खरीदी केन्द्र पहुँचें।
खुशी और गर्व का क्षण!
किसानों के श्रम का सुखद परिणाम!
प्रदेश में 127.70 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी।पंजाब को पीछे छोड़ते हुए देश में सबसे ज्यादा गेहूं खरीदी करने वाला राज्य मध्यप्रदेश बन गया।
अन्नदाता, संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रदेश को बधाई!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 8, 2020
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सही समय पर खरीदी पूर्ण करने की चुनौती को देखते हुए पहली बार यह सुविधा दी गई कि कलेक्टर स्वयं एक-एक केन्द्र पर एसएमएस संख्या निर्धारित कर सकें। किसानों को कोरोना के प्रति सजग रहने और अन्य जानकारी देने के लिए 75 लाख एसएमएस भेजे गए। राज्य सरकार द्वारा गेहूँ उपार्जन की राशि सीधे किसानों के खातों में औसतन 7 दिवस में अंतरित की गई। अभी तक 14 लाख 19 हजार किसानों के खातों में 20 हजार 253 करोड़ की राशि भेजी जा चुकी है।