भगवान जगन्नाथ का है छत्तीसगढ़ से गहरा नाता, संदेहों से परे हैं ये प्रमाण | Lord Jagannath has a deep bond with Chhattisgarh These proofs are beyond doubt

भगवान जगन्नाथ का है छत्तीसगढ़ से गहरा नाता, संदेहों से परे हैं ये प्रमाण

भगवान जगन्नाथ का है छत्तीसगढ़ से गहरा नाता, संदेहों से परे हैं ये प्रमाण

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:46 PM IST
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Published Date: June 23, 2020 9:31 am IST

धर्म । भगवान जगन्नाथ का दिव्य धाम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी स्थित है। ओडिशी वास्तु के हिसाब से बना नया मंदिर जहां गायत्री मंदिर में स्थित है, वहीं टूरी हटरी इलाके में शहर का सबसे प्राचीन मंदिर स्थापित है । इन दोनों ही मंदिरों से हर साल धूमधाम के साथ रथयात्रा निकलती रही है।

एक ऐसे भगवान जो देते हैं साक्षात दर्शन…एक ऐसी शक्ति…जिनके स्मरण से ही मिलता है सुख…एक ऐसा धाम… जहां जगन्नाथ जी के रूप में है श्रीकृष्ण का नाम…पौराणिक कथा के अनुसार जब मुरली मनोहर ने अपना देह त्यागी तब वो भगवान जगन्नाथ के रूप में कलयुग में आए…रायपुर के गायत्रीनगर में स्थित जगन्नाथ मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यूं तो इसके निर्माण की शुरुआत 1994 में हुई लेकिन ये मंदिर 2003 में पूरा हुआ…जब भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा यहां विराजित की गई। रायपुर का सबसे पुराना जगन्नाथ मंदिर स्थित है पुरानी बस्ती इलाके के टूरी हटरी में, ये मंदिर अपनी प्राचीन परंपराओं के लिए भी जाना जाता है। हर साल यहां से विधिविधान के साथ रथयात्रा निकलती है।

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वैसे तो भगवान जगन्नाथ के धाम पूरे भारत में हैं, लेकिन कथाओं की मानें तो जगन्नाथ जी का पूजन छत्तीसगढ़ की ही देन है। इसके तीन प्रमाण मिलते हैं…पहला तो ये शिवरीनारायण से उनकी उत्पत्ति की कथा कही जाती जाती है, दूसरा पुरी के भगवान जगन्नाथ को जो महाप्रसाद चढ़ता था… वो देवभोग से जाता था…. और तीसरी मान्यता ये कि जगन्नाथ पुरी में जिस गरूड़ स्तंभ की स्थापना हुई है…वो अमरकंटक से गया है।

इस प्रकार जगन्नाथ जी की पूजा की शुरुआत छत्तीसगढ़ से कही जा सकती है । भगवान जगन्नाथ एक ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों को दर्शन देने के लिएअपना सिंहासन छोड़कर आते हैं। उनके भक्त इस पर्व को प्रभु की रथयात्रा के रूप में मनाते हैं, कहते हैं इस दौरान भगवान जगन्नाथ नौ दिनों के लिए अपनी मौसी के घर जाते हैं। उनकी मौसी, जिन्हें उन्होंने दिया था सबसे पहले अपनी पूजा का अधिकार।

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जगन्नाथ जी की इस रथयात्रा के दौरान भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। लाखों की संख्या में भक्त प्रभु के दर्शन के लिए आते हैं..और रथ खींचने को आतुर होते हैं…मंदिर से भगवान की प्रतिमाएं निकाल कर रथ पर रखी जाती हैं, आरती करके यात्रा प्रारंभ की जाती है। रायपुर की जगन्नाथ यात्रा के दौरान भी लाखों की संख्या में भक्त उपस्थित रहते हैं। जिसमें न तो वर्ग का भेद होता है और न ही धर्म का….भगवान कृष्ण के इस धाम में भक्त अपनी मुरादें लेकर आते हैं…और श्री जगन्नाथ उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं…जय जगन्नाथ नाथ की..