लॉकडाउन 4.0 में प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकती राज्य-केंद्र शासित प्रदेश की सरकार: गृह मंत्रालय | Lockdown4.0 - States/Uts Cannot Dilute Restrictions Imposed In Mha Guidelines, Can Only Make Them Stricter Based On Local Level Assessment And Health Ministry Guidelines: Mha

लॉकडाउन 4.0 में प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकती राज्य-केंद्र शासित प्रदेश की सरकार: गृह मंत्रालय

लॉकडाउन 4.0 में प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकती राज्य-केंद्र शासित प्रदेश की सरकार: गृह मंत्रालय

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 PM IST
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Published Date: May 18, 2020 10:10 am IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए 17.05.2020 को लॉकडाउन प्रतिबंधों के बारे में संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए। चूंकि लॉकडाउन को 31.05.2020 तक बढ़ा दिया गया, इसलिए प्रतिबंधों में व्यापक छूट दी गई।

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आज से प्रभावी नए दिशा-निर्देशों के तहत, अब राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ही 17.05.2020 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का परिसीमन या निर्धारण करेंगे। रेड/ऑरेंज जोन के भीतर कंटेनमेंट (सील) और बफर (नियंत्रित) जोन की पहचान करने का काम स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा ही स्थानीय स्तर की तकनीकी जानकारियों एवं सूचनाओं और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर किया जाएगा।

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कंटेनमेंट जोन के भीतर पहले की तरह अब भी सख्त परिधि या दायरे को बनाए रखा जाएगा और केवल आवश्यक गतिविधियों या कार्यों की ही अनुमति होगी। सीमित संख्‍या में गतिविधियां या कार्य अब भी पूरे देश में प्रतिबंधित रहेंगे। गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत विशेष रूप से निषिद्ध किए गए कार्यों को छोड़ अन्य सभी गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।

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इन बिंदुओं या तथ्‍यों को ध्‍यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पुन: यह हिदायत दी है कि संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत लॉकडाउन प्रतिबंधों में व्यापक छूट दिए जाने के बावजूद राज्य/केंद्र शासित प्रदेश गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में लगाए गए प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकते हैं। यही नहीं, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश वर्तमान स्थिति के जमीनी स्तर के विश्लेषण के आधार पर आवश्यक समझने पर कुछ अन्य गतिविधियों या कार्यों को निषिद्ध कर सकते हैं या पाबंदियां लगा सकते हैं।

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इसके अलावा, इस आशय की सूचना दे दी गई है कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्थानीय स्तर पर विभिन्‍न जोन का परिसीमन या निर्धारण करते समय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा द्वारा जारी किए गए संशोधित दिशा-निर्देशों में उल्लिखि‍त मानदंड/सीमा को अवश्‍य ही ध्यान में रखना चाहिए। इतना ही नहीं, जनता की सहूलियत के लिए केंद्र और संबंधित राज्य के दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार स्थानीय स्तर पर करने का आग्रह किया गया है।

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