बलौदाबाजार: देश और दुनिया में इस कोरोनाकाल में हजारों वॉरियर्स ने खुद को दांव पर लगाया है। डॉक्टर, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, सफाईकर्मी, समाज सेवक और भी कई लोग, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से हमारी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए डटे हुए हैं। ऐसे ही एक कोरोना वॉरियर थे – बलौदाबाजार जिला मुख्यालय में स्थित डेडीकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर शैलेंद्र साहू, जो सैकड़ों संक्रमितों की जान बचाते-बचाते खुद जान गंवा बैठे। जिस अस्पताल में वे अपनी सेवाएं दे रहे थे, उसी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
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फूलों से सजी गाड़ियां… नम आंखों से विदाई देते लोग… अमर रहे के नारों के साथ पूरा होता एक आखिरी सफर। एक ऐसा कोरोना योद्धा, जिसने हजारों की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी हार दी। डॉ शैलेंद्र साहू का जाना किसी सपने के टूटने जैसा है। अस्पताल प्रबंधन के साथ कोविड केयर सेंटर्स में काम करने वाले डॉक्टर और नर्स भी गमजदा हैं। डॉ. शैलेंद्र साहू 2 साल से जिले के डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर के इंचार्ज रहे। इस दौरान उन्होंने हजारों लोगों को मौत के मुंह से खींचकर नई जिंदगी दी। पिछले दिन तबीयत बिगड़ी, तो उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया और पॉजिटिव हो गए। इसके बाद भी रात करीब ढाई बजे तक वे मरीजों के वार्ड में राउंड लगाकर उनका हाल देखते रहे। फिर सोने चले गए, सुबह तो हुई, लेकिन डॉक्टर शैलेंद्र के बिना। आशंका है कि कॉर्डिअक अरेस्ट के चलते उनकी मौत हुई होगी।
कोरोना का कहर थमा नहीं है। तीसरी लहर की आशंका और आहट से हर कोई डरा हुआ है। ऐसे में डॉक्टर शैलेंद्र की विदाई दुखदायी है। ऐसे कोरोना योद्धा को IBC24 सलाम करता है।