तुला राशि | वर्ष कुंडली 2020 के अनुसार आपकी राशि के स्वामी शुक्र आपकी राशि से चौथे स्थान में बैठे हैं, जोकि आपके लिए घरेलू सुख मिलने के प्रबल योग बना रहे हैं। जो जातक पिछले कुछ समय से नया वाहन खरीदने का विचार बना रहे हैं, वे इस वर्ष अपना वाहन खरीद सकते हैं। आपकी राशि से धन भाव में मंगल का होना आपके लिये धन प्राप्ति के योग बना रहा है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने की उम्मीद भी इस वर्ष आप कर सकते हैं। वर्ष के शुरुआती माह के अंतिम सप्ताह में एक बड़ा ग्रह गोचर हो रहा है। इस समय शनि राशि परिवर्तन कर रहे हैं। सुख भाव में शनि का आना आपके लिये लाभकारी रहने के आसार है। क्योंकि शनि आपकी राशि से केंद्र में आ रहे हैं।
शनि पंचम के स्वामी होकर चौथे स्थान में स्वराशि के होकर बैठे हैं जो कि संतान के लिये भी शुभ संकेत कर रहे हैं। 30 मार्च को बृहस्पति मकर राशि में प्रवेश करेंगें जो कि आपकी राशि से सुख का स्थान है। सुख स्थान में नीच राशि के होने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है लेकिन वहां पर शनि पहले से विराजमान हैं जिससे यह नीच भंग राजयोग बना रहे हैं। इसका लाभ आपको मातृ सुख, प्रोपर्टी का सुख, वाहन आदि के रूप में मिल सकता है।
11 मई को शनि वक्र हो जाएंगें। इस समय आपको मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। कार्यक्षेत्र में भी वक्री शनि की दृष्टि पड़ रही है। आपकी राशि पर शनि की दशम दृष्टि होगी जिससे आपको एक नई ऊर्जा प्राप्त होगी। 14 मई को बृहस्पति वक्री हो जाएंगें इसके वक्री प्रभाव से आपके लिये विदेश की यात्रा का योग बन रहा है। परिजनों के साथ किसी धार्मिक या आध्यात्मिक स्थल की यात्रा भी कर सकते हैं। विवाह के योग भी आपके लिये बन सकते हैं। 30 जून को गुरु का धनु राशि में परिवर्तन होना आपके भाग्य के लिये अच्छा रहने वाला है। लाभ स्थान में दृष्टि होने से रूके हुए धन की प्राप्ति होगी व अपने सगे संबंधियों से भी अच्छा सुख प्राप्त होगा। 13 सितंबर को गुरु के मार्गी होने से आपके कार्यों में तेजी आ सकती है। तुला राशि 2020 के अनुसार सितंबर माह में जैसे ही राहु का परिवर्तन होगा और वे वृषभ राशि में आ जाएंगें तो अचानक से कार्यों में तेजी आएगी। लेकिन अष्टम का राहू थोड़ा स्वास्थ्य के लिये भी हानिकारक माना गया है। इसलिये स्वास्थ्य का आपको ध्यान रखने की आवश्यकता है। 29 सितंबर को शनि मार्गी हो जाएंगें जिसके पश्चात स्थिति पुनः बेहतर हो जाएगी। 20 नवंबर को गुरु पुनरू मकर राशि में चले जाएंगे। सुख स्थान में नीच राशि के होने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है लेकिन वहां पर शनि पहले से स्वराशि के होने से नीच भंग राजयोग बन रहा है जिसका लाभ आपको मातृ सुख, प्रोपर्टी का सुख, वाहन आदि के रूप में मिल सकता है।
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