नईदिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही अब ये कानून बन चुका है। बुधवार को राज्यसभा में इसे पारित किया गया था। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था।
गुरुवार देर रात राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून में बदल गया, राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े थे। इससे पहले विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया। इस कानून के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में अवैध तरीके से रहने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना आसान हो जाएगा।
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भारत की नागरिकता के लिए पात्र होने की समय सीमा 31 दिसंबर 2014 होगी। मतलब इस तारीख के पहले या इस तारीख तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे, नागरिकता पिछली तारीख से लागू होगी, कानून बनने से पहले नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार को ही पारित हो गया था।
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विधेयक पारित होने के बाद देश के कुछ हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए, असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी और तोड़-फोड़ की गई, जिसके बाद वहां कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नॉर्थ ईस्ट में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पूर्वोत्तर के असम, मेघालय और त्रिपुरा राज्य में हिंसक प्रदर्शन जारी है। हालात स्थिर करने के लिए लगातार सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च कराया जा रहा है।
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