भोपाल। मध्यप्देशर विधानसभा की कार्यवाही जारी है। ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने सदन में गौशाला का मुद्दा उठाया है। ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने सदन में पूछा कि 2018 से 2019 तक प्रदेश में कितनी नवीन गौशाला खोली गई हैं।
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गौशाला को उस अवधि में कितना अनुदान देने का प्रावधान था, वर्तमान में कितना अनुदान दिया जा रहा है। प्रदेश में वर्तामान में कितनी गौशाला संचालित है?
पूर्व में गौशाला को ज्यादा अनुदान दिया जा रहा था, वर्तमान में अनुदान कम क्यों किया गया ?
इस पर पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने सदन में जबाब देते हुए कहा कि प्रदेश में 1 हजार गौशाला के निर्माण का लक्ष्य सरकार ने रखा था, प्रदेश में दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक प्रथम चरण में लक्ष्य रखा था । निजी स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा प्रदेश में 627 और 905 सरकारी गौशाला संचालित हैं। 2018-19 में गौशाला को प्रतिदिन 20 रु प्रति गोवंश दिए जाते थे, वर्तमान में भी 20 रु प्रतिदिन प्रतिगोवंश दिए जा रहे हैं। 2003 से 2018 तक प्रदेश में प्रदेश में शासकीय स्तर पर गौशालाएं नहीं खोली गई है।
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कांग्रेस विधायकों ने सदन में विधायकों और मंत्रियों के अलग अलग प्रवेश द्वार का मामला उठाया है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने सदन में ये मुद्दा उठाया है। विधायकों के अलग प्रवेश को लेकर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार का दायित्व विधायकों के सम्मान की रक्षा करना है। पुरानी परंपरा है, परंपरा को बरकरार रखा जाए।
इस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सम्मानित सदस्यों के सम्मान का ध्यान रखा जाएगा, विपक्ष अध्यक्ष जी के संज्ञान में मामला लाएं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दो अलग अलग दरवाजे से सदन में आने से अपमान कैसे हो सकता है।
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विधायक पीसी शर्मा ने भोपाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से विस्थापितों का विस्थापन का मुद्दा उठाया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री का ध्यानाकर्षण किया है।
इस पर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सदन में कहा कि विस्थापितों का नियम अनुसार विस्थापन किया है, शासकीय कर्मचारियों को स्मार्ट सिटी के पास चक्की चौराहा पर मकान दिए गए हैं।