रतलाम, मध्यप्रदेश। देशभर में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने स्वास्थ्य सुविधाओं का ऑक्सीजन लेवल गिरा दिया है। चिकित्सा दावों की पोल खोलती ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई मध्यप्रदेश के रतलाम से जहां एक वकील को ना एक बेड मिला, ना ऑक्सीजन और एंबुलेंस जिसके बाद उसको निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी हुई।
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लेकिन उसने रास्ते में चलती बाइक पर ही दम तोड़ दिया और वो भी तब जब उसके एक घंटे पहले बीजेपी विधायक ने रतलाम में 60 बेड और 70 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीनों के साथ एक कोविड वार्ड का शुभारंभ किया। एक घंटे बाद ही एक वकील सुरेश कुमार डागर मेडिकल कॉलेज के गेट के बाहर मौत की जंग लड़ते हुए हार गए।
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कॉलेज प्रबंधक ने बेड और ऑक्सीजन नहीं होने की बात कह कर परिजनों को इलाज से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं मरीज को मेडिकल कॉलेज से एम्बुलेंस तक नसीब नहीं हुई जिसके बाद परिजन बाइक में उसे निजी अस्पताल ले जाने को मजबूर हुए और इसी दौरान वकील सुरेश डागर ने चलती बाइक पर दम तोड़ दिया।
कुछ और दावों और इंतजामों की पोल वकील की मौत के बाद भी खुली। जब परिजन शव को लेकर सड़क किनारे मदद कि उम्मीद में बैठे रहे जैसे तेसे पुलिस जवानों ने एम्बुलेंस कि व्यवस्था कि लेकिन एम्बुलेंस में स्ट्रेचर नहीं होने के बाद हाथ पैर पकड़कर शव को एंबुलेंस में रखा गया।
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