रायपुरः प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। अलग-अलग शहरों में हुई वारदातों को लेकर बीजेपी लगातार राज्य सरकार पर आरोपों के तीर चला रही है। सरकार को घेरने विपक्ष ने अब सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है। दूसरी ओर सत्ता पक्ष का दावा है कि अपराधों की रोकथाम के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। राज्य सरकार के दावे और विपक्ष के आरोपों के बीच बड़ा सवाल ये है कि आखिर अपराधियों में पुलिस कार्रवाई का खौफ क्यों नहीं है?
एक ही दिन राजधानी रायपुर, कोरबा और पत्थलगांव की ये वारदातें प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े करती है। ऐसे में जब मुख्यमंत्री खुद कानून व्यवस्था को मुस्तैद करने के लिए सख्ती दिखा चुके हैं। गृहमंत्री अलग-अलग बैठकें लेकर कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बदमाश इतने बेखौफ कैसे. नए साल की शुरुआत की साथ ही अलग-अलग शहरों में अपराध की घटनाओं ने पुलिस प्रशासन के दावों पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। जाहिर है प्रदेश में लगातार हो रही घटनाओँ लेकर बीजेपी भी आक्रमक मूड में दिख रही है। गुरुवार को पत्थलगांव में स्कूली छात्रा से सामूहिक रेप की घटना के विरोध में बीजेपी की महिला मोर्चा सड़क पर उतरी। सांसद गोमती साय के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई।
प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। बीजेपी नेताओँ के मुताबिक राज्य सरकार लॉ एंड ऑर्डर के मोर्चे पर फेल है। विपक्ष ने ये भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष केवल राजनीति करने में उलझी है। जबकि प्रदेश में रेप, हत्या और चाकूबाजी जैसी घटनाएं आम हो गई है।
बीजेपी नेताओं के आरोपों और प्रदेशव्यापी प्रदर्शन पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को प्रदर्शन से नहीं रोक सकते। लेकिन उन्होंने दावा कि छत्तीसगढ़ में 99 प्रतिशत मामलों में अपराधी पकड़े गए हैं। इसके लिए देशभर में हमें दूसरा पुरस्कार मिला। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ऐसी घटनाओं पर लगातार एक्शन लेने की बात कह रहे हैं। बहरहाल कानून व्यवस्था को लेकर सत्ता पक्ष का अपना दावा है, तो विपक्ष की अपनी दलील, जिसके कारण सूबे का सियासी तापमान भी चढ़ने लगा है। दूसरी ओर अपराध का बढ़ता ग्राफ अब सूबेवासियों को डराने लगा है।