रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन काफी हंगामेदार रहा। सदन में लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर बीजेपी काम रोको प्रस्ताव लेकर आई, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने नामंजूर कर दिया। इससे नाराज बीजेपी विधायकों ने गर्भगृह में प्रवेश कर नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद उन्हें दिनभर के लिए निंलबित कर दिया गया। इससे पहले सदन में कानून व्यवस्था और जीरम घटना को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। ऐसे में इस बात के पूरे आसार हैं कि आने वाले दिनों में भी सदन में शोर-शराबा मचता रहेगा और विपक्ष आक्रामक अंदाज में सरकार को घेरने की कोशिश करेगी, तो वहीं राज्य सरकार की सबसे बड़ी चिंता अनुपूरक बजट पास कराने को लेकर रहेगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष खासकर बीजेपी विधायकों ने प्रदेश में बढ़ते अपराध का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने सदन का काम रोककर इस विषय पर चर्चा की मांग की, लेकिन सत्तापक्ष इसके लिए तैयार नहीं था। मांग नहीं माने जाने पर बीजेपी विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में चले गए और धरने पर बैठे। भारी हंगामे और शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
दरअसल शून्यकाल में ही बीजेपी विधायकों ने लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए चर्चा कराने की मांग की। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में अपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। JCCJ विधायक धर्मजीत सिंह ने भी BJP के स्थगन प्रस्ताव का समर्थन किया। सरकार की ओर से विपक्ष के स्थगन पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य की पुलिस संवेदनशील है। ज्यादातर मामलों में त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों की गिरफ्तारी की गई।
स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सत्तापक्ष बीच तीखी नोकझोंक हुई। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकार ने कहा कि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कहते हैं संस्कार की कमी से अपराध होता है, तो मंत्रीजी खुड़मुड़ा में हुए हत्या के मामले में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए भागवत क्यों नहीं कराते। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि जो घटनाएं हो रही हैं प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुई, जिस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया कि झीरम से बड़ी घटना कोई और नहीं हो सकती। आपके राज में ही झीरम की घटना हुई थी, जिस पर जवाबी हमला करते हुए शिवरतन शर्मा ने कहा आपके पास तथ्य था तो क्यों एजेंसी के समक्ष नहीं रखा।
विपक्ष के सवालों की बौछार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल ने कहा, हमने झीरम कांड पर एसआईटी जांच बैठाई है। केंद्रीय गृह मंत्री से बात भी की लेकिन हमें जांच का जिम्मा नहीं देते, हमें जांच से क्यों रोका जा रहा है। आखिर किसे बचाना चाहते हैं बीजेपी के लोग? कुल मिलाकर बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई।