कानपुर, यूपी। कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव अपहरण और फिर उसकी हत्या को उसके दोस्तों ने ही अंजाम दिया है। फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया पहले अपहण किया और फिर 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी।
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पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। गुरुवार की रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
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पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे पर लाया। इसके बाद उसे बंधक बना लिया।
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चार दिन तक बेहोशी का इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी। इसके बाद कुलदीप का शव अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया।
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तीन दिन बाद 29 जून की शाम को संजीत के पिता चमन सिंह यादव को फोन कर फिरौती मांगी गई। परिजनों ने पुलिस के कहने पर मकान, जेवर बादि बेचकर जैसे तैसे 30 लाख रुपयों की व्यवस्था की और 13 जुलाई को अपहर्ताओं के सौंप दिए लेकिन पुलिस अपहर्ताओं को नहीं पकड़ पाई और वे 30 लाख लेकर भाग गए। कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा है कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया।
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बर्रा पांच निवासी चमन सिंह यादव के इकलौते बेटा संजीत कुमार (28) का 22 जून की शाम अपहरण हो गया था। दूसरे दिन परिजनों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय से बेटे के लापता होने की तहरीर दी थी। इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। इस घटना के बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी ने इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया था। इसके बाद एसओजी, सर्विलांस टीम और कई थानों की पुलिस खुलासे में लगाई गईं।