दंतेवाड़ा उपचुनाव | 1 लाख 90 हजार मतदाताओं की परीक्षा की घड़ी नजदीक आ गई है, विधानसभा सीट पर 21 सितंबर को वोटिंग होनी है और 27 सितंबर को नतीजे आने हैं। क्षेत्र की जनता के लिए ये मतदान किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है, जब दो महिला उम्मीदवार आमने-सामने खड़ी हैं, जो सफेद साड़ी पहने क्षेत्र की जनता से अपने-अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रही हैं।
दंतेवाड़ा का उपचुनाव की जीत दोनों ही पार्टियों यानी कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। जहां कांग्रेस के लिए इस जीत का मतलब होगा कि 9 माह की सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर, और आदिवासियों और किसानों के लिए भूपेश सरकार के प्रति जनता की संतुष्टि, वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए तो दंतेवाड़ा सीट बचाना अपने अस्तित्व को बचाने जैसा होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में दंतेवाड़ा की एकमात्र जीत ने यह अहसास दिलाया था कि बस्तर ने भाजपा को खारिज नहीं किया है।