नई दिल्ली: कोविड 19 के प्रभाव को रोकने के लिए सरकार कई तरह के उपाय कर रही है। देश के 75 शहरों में सरकार ने लॉक आउट करने का आदेश जारी किया गया है। इसी के तहत कई कंपनियों और संस्थानों ने कर्मचारियों को राहत देते हुए वार्क एट होम का निर्देश जारी किया है। फैक्ट्री और ऑफिस बंद होने के चलते कर्मचारियों के नौकरियों में आफत आ सकती है। इन परिस्थितियों में कई कंपनियों के पीएफ का अपना हिस्सा जमा करने में देरी करती है तो उस पर लगने वाली पेनल्टी को माफ किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार न्यूनतम पेंशन की राशि पर 2000 रुपए तक करने का विचार कर रही है।
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संकट के दौर में सरकार की इस पहल को लेकर एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार कंपनी के कर्मचारियों के लिए कोविड 19 से बचाव के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। इस संबंध में कुछ ही दिनों में ऐलान कर सकती है।
कोविड 19 से बचाव के लिए कंपनियों के राहत दी है। अगर इन हालातों में कंपनी पीएम की रकम देर से जमा करती है तो उन्हें पेनाल्टी का भुगतान नहीं करना होगा। इस पहल के लिए श्रम मंत्रालस ने काम शुरू कर दिया है। वहीं, उम्मीद की जा रही है कि राहत का ऐलान जल्द ही किया जा सकता है।
पीएफ आवेदन को तत्काल मंजूरी
संकट की स्थिति में श्रम मंत्रालय ने कर्मचारियों को एक और बड़ी राहत दी है। सरकार की ओर से मिली राहत के अनुसार कोई भी पीएफ खाता धारक किसी भी परिस्थिति में अस्पताल में भर्ती है या परिवार का कोई भी सदस्य भर्ती है तो पीएम विथड्राल आवेदन को तत्काल मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा, इसके अलावा कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन की राशि को 2,000 रुपये तक करने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा नौकरी जाने या फिर संस्थान के बंद होने की स्थिति में कर्मचारी के लिए पीएफ की निकासी करना आसान होगा।