दुनिया। इंटिमेट रोमांस के दौरान अनचाही प्रेगनेंसी और सेक्सुअल डिसीज से बचाव के लिए कॉन्डोम का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इन समय मार्केट में शाकाहारी कॉन्डोम कम समय में ही काफी लोकप्रिय हो गया है। चलिए आपको बताते हैं आखिर क्यों चलन में आया शाकाहारी कॉन्डोम…
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आपको बता दें कि कॉन्डोम को जिस रबड़ से बनाया जाता था उसे पतला करने के लिए जानवरों में पाया जाने वाला प्रोटीन ‘केसीन’ का प्रयोग होता है। वहीं अब शाकाहारी और पर्यावरण प्रेमी के लिए शाकाहारी कॉन्डोम बनाया जा रहा है।
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शाकाहारी कॉन्डोम का निर्माण फिलिप सीफ़र और वाल्डेमर ज़ाइलर द्वारा किया जा रहा है। ये आइन्हॉर्न नाम की कंपनी चलाते हैं। शाकाहारी कॉन्डोम बनाने के लिए पेड़ों से मिलने वाली प्राकृतिक चिकनाई का इस्तेमाल करते हैं। कॉन्डोम को नर्म बनाने के लिए इसी चिकनाई को प्रयोग में लाया जाता है। यही वजह है कि शाकाहारी कॉन्डोम की मांग बढ़ने लगी।
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आपको जानकार हैरानी होगी कि शाकाहारी कॉन्डोम को खरीदने वाले उपभोक्ता की उम्र तकरीबन 20 से 40 साल के बीच की है। आंकड़ों की ओर नजर डाले तो इनमें 60 फ़ीसदी खरीदार महिलाएं हैं। वहीं शाकाहारी कॉन्डोम बनाने के इस काम के लिए छोटे किसानों को काम पर रखा।
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