गुरु खोलेगा भाग्य के रास्ते, ऐसे करें पूजा तो प्रसन्न होंगे बृहस्पति, गुरुवार व्रत के नियम और पूजन विधि.. जानिए | Know the method of Thursday fast and worship

गुरु खोलेगा भाग्य के रास्ते, ऐसे करें पूजा तो प्रसन्न होंगे बृहस्पति, गुरुवार व्रत के नियम और पूजन विधि.. जानिए

गुरु खोलेगा भाग्य के रास्ते, ऐसे करें पूजा तो प्रसन्न होंगे बृहस्पति, गुरुवार व्रत के नियम और पूजन विधि.. जानिए

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 PM IST
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Published Date: May 14, 2020 8:09 am IST

रायपुर। ज्योतिष में देवगुरू बृहस्पति का दिन गुरुवार अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक बृहस्पति एक मजबूत ग्रह है और इंसान का भाग्य बनाने में इसका अहम हाथ होता है। ऐसे में देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए कई लोग बृहस्पतिवार के व्रत को करना बहुत जरुरी मानते हैं। 

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बृहस्पति को प्रसन्न रखने के लिए कई भक्त व्रत आदि रखते हैं। वहीं इस दिन नाखून काटना, बाल कटवाना या इस तरह के कई कार्यों को वर्जित माना गया है। हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार बृहस्पतिवार धर्म का दिन होता है इसलिए हिंदू धर्म में इस दिन की ख़ास अहमियत है। मान्यता है कि गुरु बृहस्पति की कृपा लोगों को हर मुश्किल से बचा लेती है इसलिए बृहस्पतिवार को व्रत रखकर देव गुरु को प्रसन्न रखने की कोशिश की जाती है।

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ऐसे करेंगे तो प्रसन्न होंगे बृहस्पति

बृहस्पतिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें और हो सके तो इस दिन पीले कपड़े पहनें। इस दिन विष्णु मंदिर में जाकर पूजा करें और पूजन के लिए पीले फूल, पीली मिठाई, हल्दी आदि का प्रयोग करें। इस व्रत में केले के पेड़ की पूजा करें और केले के पेड़ की जड़ में दाल चढ़ाएं। इसके बाद दिया जलाकर केले के पेड़ की पूजा करें। अगर संभव हो तो केले के पेड़ के पास बैठकर ही व्रत कथा का पाठ करें। इस व्रत में नमक का इस्तेमाल न करें और हो सके तो शाम की आरती के बाद पीले पकवानों का ही सेवन करें।

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वैसे हर व्रत में लगभग एक जैसी पूजा सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इस व्रत की बात थोड़ी अलग है क्योंकि इसमें पीली वस्तुओं का उपयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाता है।

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पीले रंग के फूल, गंगा जल या शुद्ध जल, बृहस्पति यंत्र, तांबे की प्लेट और लोटा, रूई, पंचामृत (गाय का कच्चा दूध, दही,घी,शहद एवं शर्करा मिला हुआ)  पीले रंग के फल, सुखी मिठाईयां, लकड़ी का आसान, अगरबत्ती, दिया इस पूजा सामग्री से भगवान विष्णु व केले के पेड़ की पूजा करें। बृहस्पतिवार व्रत का उद्यापन आपने जितने बृहस्पतिवार के व्रतों का संकल्प लिया है उनकी समाप्ति के बाद आपको उद्यापन करना चाहिए और दान करना चाहिए।

 
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