पटना। बिहार के पूर्णिया में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में सोमवार को जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि हमें सावरकर के सपनों का नहीं, बल्कि भगत सिंह और अंबेडकर के सपनों का भारत बनाना है। इस दौरान कन्हैया ने एक बार फिर से आजादी के नारे लगाए।
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कन्हैया कुमार ने एनआरसी के नतीजों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि यह हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं है, बल्कि यह संविधान से जुड़ा मामला है। संविधान को दूषित होने से बचाने का मामला है। पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में सीएए और एनआरसी के विरोध में आयोजित जन प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा,‘यह लड़ाई एक दिन की नहीं है। यह लड़ाई लंबी चलेगी।’
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कन्हैया ने कहा, ‘आज संविधान पर संकट आ खड़ा हुआ है। संविधान को बचाने की जरूरत है। संविधान की मूल भावना है कि किसी भी नागरिक के साथ जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा, लेकिन इसके ठीक उलटा किया जा रहा है। जिन लोगों को अपने देश के संविधान से प्यार नहीं है, वे ही ऐसे काले कानून का समर्थन कर रहे हैं।’
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देश के विद्यार्थियों पर पुलिस के दमन और संविधान एवं ग़रीब विरोधी CAB-NRC के खिलाफ आज पूर्णिया(बिहार) की जनता ने अपनी आवाज बुलन्द की। जनता समझ रही है कि उनके असल सवालों को दबाने के लिए यह सरकार उन्हें नागरिकता सिद्ध करने के लिए सरकारी दफ़्तरों के बाहर लाइनों में लगा देना चाहती है। pic.twitter.com/vFZULxKnhZ
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) December 16, 2019
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