भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को जिलों की जिम्मेदारी दी है। ये अधिकारी जिला स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन और जिलों की समस्याओं का निराकरण करेंगे। उन्हें महीने में दो बार प्रभार वाले जिलों का दौरा करना होगा। सरकार ने सभी 51 जिलों में अफसरों को प्रभारी बनाया है।
बता दें कि इससे पहले बु्धवार दोपहर मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस) को 10 प्रतिशत आरक्षण की मंजूरी दी गई। आरक्षण का लाभ उन लोगों को मिलेगा, जिनकी सभी स्त्रोतों से आय 8 लाख सालाना से ज्यादा नहीं हो, उनके स्वामित्व में 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि ना हो (इसमें उसर, बंजर, बीहड़ और पथरीली जमीन शामिल नहीं है), नगर निगम क्षेत्र में 1200 वर्ग फीट मकान/फ्लैट से ज्यादा आकार का आवास न हो, नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्ग फीट मकान/फ्लैट और नगर पंचायत क्षेत्र में 1800 वर्ग फीट मकान/फ्लैट से ज्यादा आकार का आवास न हो, को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कोई सीमा निर्धारितनहीं की गई है।
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कैबिनेट ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल बार लायसेंस व्यवस्था में संशोधन किया है। इसके तहत एक से अधिक तल पर रेस्तरां बार संचालित करने की अनुमति के लिए प्रत्येक अतिरिक्त बार के लिए 10 प्रतिशत अधिक लायसेंस फीस ली जाएगी। नवीन होटल बार लायसेंस के लिए होटल में कम से कम 25 कमरे होने का प्रावधान किया गया है। बार लायसेंस के लिए मदिरा की निर्धारित धारण क्षमता में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई।