नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में मचे यियासी घमासान की गूंज दिल्ली तक पहुंचने के बाद आज आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया है। सिंधिया ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई बड़े नेताओं की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा है। ज्ञात हो कि सिंधिया ने दो दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था। बता दें कि सिंधिया समर्थक 19 विधायक अभी बंगलूरु के एक रिसॉर्ट में रुके हैं। कयास लगाया जा रहा है कि वे भी अब भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
मिल सकता है राज्यसभा का टिकट
बताया जा रहा है कि भाजपा की सदस्यता लेते सिंधिया का नाम राज्यसभा के लिए ऐलान कर दिया जाएगा। फिलहाल ऐसा सिर्फ कयास लगाया जा रहा है। अधिकारिक घोषणा बाकी है।
LIVE :बीजेपी के हो गए ज्योतिरादित्य सिंधिया ! #MadhyaPradesh #MadhyaPradeshPoliticalCrisis #MadhyaPradeshCrisis
#MPPoliticalCrisis #JyotiradityaMScindia @JM_Scindia @BJP4India @JPNadda pic.twitter.com/pB9QDHAPcl— IBC24 (@IBC24News) March 11, 2020
ज्योतिरादित्य सिंधिया का सीयासी सफर
ज्योतिरादित्य सिंधिया की कहानी जो पूरे परिवार को फिर से भाजपा की शरण में ला रहा है। सिंधिया के सियासी सफर के बारे बात करें तो पिता के निधन के बाद उन्होंने उनकी पसंद वाली सीट से 2002 अपने करियर की शुरुआत की थी। कांग्रेस की टिकट पर उन्होंने 2002 से लेकर 2014 तक लगातार चार बार सांसद चुने गए।
Read More: सरकार बचाने महाकाल की शरण में कांग्रेस, विशेष पूजा-अर्चना कर संकट टालने की प्रार्थना
2019 में गुना की पुश्तैनी सीट पर उन्हें अपना ही शिष्य कहे जाने वाले भाजपा के केपी सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा। 1 लाख 25 हजार वोटों से हार ने ज्योतिरादित्य के राजनीतिक करियर पर सवाल उठा दिए क्योंकि, जहां एक ओर दिसंबर 2018 में जब मध्य प्रदेश में 72 साल के कमलनाथ के सामने 48 के युवा ज्योतिरादित्य को मौका नहीं मिला तो, वहीं पांच महीने बाद उनके नेतृत्व में कांग्रेस को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी हार का सामना करना पड़ा और अपने ही प्रदेश में वे अपनी खुद की सीट नहीं बचा पाए थे।
Read More: कोरोना वायरस का असर, आईपीएल टी-20 को रद्द करने की मांग, मामला पहुंचा कोर्ट
किसानों के कर्जमाफी के सवाल पर सड़क पर उतरे सिंधिया के खिलाफ कमलनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया देने से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सब कुछ ठीक नहीं है।