धर्म। 22 मई यानी आज ज्येष्ठ अमावस्या मनाया जा रहा है। धार्मिक शास्त्र के अनुसार आज का दिन बेहद ही शुभ माना जाता है। मत्स्य पुराण, स्कंद, ब्रह्मा और गरुड़ पुराण में अमावस्या तिथि का महत्व बताया गया है। वहीं इस दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत जैसे पावन पर्व मनाए जाते हैं। अमावस्या तिथि के दिन स्नान, दान, व्रत और पूजा-पाठ से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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जानिए पूजा विधि
अमावस्या के दिन पवित्र नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें। तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
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पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। पितृ दोष है से पीड़ित लोगों को पौष अमावस्या का उपवास कर पितरों का तर्पण अवश्य करना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार, अमावस्या को जन्म लेने वाले की कुंडली में चंद्र दोष रहता है और उस व्यक्ति का चंद्रमा प्रभावशाली नहीं रहता है। दरअसल आज के दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं। जिसके चलते यह प्रभाव लोगों के जीवन में पड़ता है।
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