जूडा की हड़ताल...क्या कर रही सरकार...जूडा के ऐलान के बाद सरकार क्या कदम उठाएगी? | JUDA's strike... what is the government doing... what steps will the government take after the announcement of JUDA?

जूडा की हड़ताल…क्या कर रही सरकार…जूडा के ऐलान के बाद सरकार क्या कदम उठाएगी?

जूडा की हड़ताल...क्या कर रही सरकार...जूडा के ऐलान के बाद सरकार क्या कदम उठाएगी?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : June 3, 2021/6:11 pm IST

भोपाल: हाईकोर्ट की फटकार और 24 घंटे में काम पर लौटने के बाद भी मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टर अपना जिद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। कोर्ट के फैसले के बाद जेडीए ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जता दिया कि वो अब आर-पार के मूड में है और जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इसके अलावा पूरे प्रदेश में जूडा सामूहिक इस्तीफा सौंपेगी। ऐसे में सवाल है कि हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी क्यों? जूडा के ऐलान के बाद सरकार क्या कदम उठाएगी?

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ये दर्द है उन लोगों का जो मध्यप्रदेश के अलग अलग शहरों में अस्पताल के बाहर अपने मरीज के बेहतर इलाज की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के 3500 जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण ये उम्मीद कमजोर पड़ने लगी है। जूडा की सबसे बड़ी मांग है कि मौजूदा स्टॉयपंड 24 फीसदी बढ़ाया जाए। इसके अलावा हर साल इसमें 6 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए, जो जूनियर डॉक्टर कोरोना वार्ड में काम कर रहे हैं उनके ग्रामीण इलाके में काम करने की बाध्यता को खत्म किया जाए। कोविड में काम करने वाले डॉक्टर्स को एक सर्टिफिकेट दिया जाए और इसका फायदा नौकरी में मिले। जूनियर डॉक्टर्स और उनके परिवार को कोरोना के इलाज में प्राथमिकता की मांग भी की गई है।

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दरअसल स्टॉयपंड को लेकर कुछ दिन पहले जूडा ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी, जिसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इनसे मुलाकात करके जूडा को भरोसा दिया था कि उनकी मांगे मान ली जाएंगी लेकिन जूडा ने कुछ दिन जब इंतजार किया और सरकारी आदेश नहीं निकला तो वो हड़ताल पर चले गए। वैसे सरकार की तरफ से कहा गया है कि स्टायपंड में 17 फीसदी की बढोतरी की गई है और 17 फीसदी देने की तैयारी है। सरकार जूडा की 6 में से 4 मांगे मानने को भी तैयार है। वैसे अब इसे लेकर सियासत भी हो रही है। सरकार ने जहां जूडा से हड़ताल खत्म करने की अपील की है वहीं कांग्रेस सरकार पर धोखा देने का आरोप लगा रही है।

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इस बीच जबलपुर हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है, हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना संकटकाल में स्टायपंड बढ़ाने की मांग पर हड़ताल करना ब्लैकमेलिंग के समान है। जूनियर डॉक्टर्स ने भले ही अपनी शपथ भुला दी हो लेकिन हमने न्याय व्यवस्था ने अपनी शपथ नहीं भुलाई है। हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स को 24 घण्टे के भीतर काम पर लौटने के साथ साथ राज्य सरकार को आदेश दिया है कि अगर जूनियर डॉक्टर्स ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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