सुकमा: नक्सलगढ में सुरक्षाबलों के जवानों ने एक बार फिर से मानवता की मिसाल पेश कर एक नहीं बल्कि दो जिदगियां बचा ली है। दरअसल इलाके का एक ग्रामीण अपनी पत्नी को गंभीर अवस्था में चिंताग्रस्त कैम्प लेकर पहुंचा। महिला की हालत देख पहले उसका प्राथमिक उपचार करवाया गया, जिसके बाद उसे दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने महिला को मलेरिया होने की पुष्टि करते हुए खून चढ़ाने की बात कही, जिसके बाद जवानों ने अपना खून देकर महिला और नवजात की जान बचाई।
Read More: जन्मदिन पर भगवान केदारनाथ के दर्शन करेंगे सीएम कमलनाथ, पीएम मोदी ने दी बधाई
मामला नक्सल प्रभावित सुकमा ज़िले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के दुल्लेड़ गाँव का है, जहां की गर्भवती महिला मलेरिया से गंभीर रूप से ग्रसित थी। जैसे तैसे पति सुब्रत ने पत्नी रीता को चिंताग्रस्त तक पहुंचाया। दरअसल उस इलाक़े में आवागमन का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है। इस वजह से कई किलोमीटर तक मरीज पैदल चलकर यहां तक पहुंच पाए थे। पति सुब्रत ने पत्नी की बिगड़ती हालत को देख चिंताग्रस्त कैम्प में कोबरा 206 बटालियन के जवानों से मदद की गुहार लगाई।
डिप्टी कमांडेंट रमेश यादव ने पूरे मामले की जानकारी कमांडेंट उदय दिव्यांशु तक पहुंचाई तो कमांडेंट ने उक्त परेशान पति की मदद करने के निर्देश दिए और फिर आनन फ़ानन में जवानों ने मलेरिया से ग्रसित गर्भवती रीता को 65 किलोमीटर दूर सुकमा तक पहुँचाया। यहां डॉक्टरों ने महिला के शरीर में खून की कमी होने एंव तत्काल खून चढ़ाने की जानकारी दी, जिसके बाद कोबरा 206 बटालियन के जवान मनमोहन ने महिला के लिए रक्तदान किया। तब जाकर नक्सलगढ़ की महिला की जान बचाई जा सकी। कोबरा 206 बटालियन के जवानों के इस मानवता भरे कार्य की क्षेत्र में जमकर सराहना हो रही है।
Read More: IED की चपेट में आई भारतीय सेना की गाड़ी, एक जवान शहीद, तीन घायल
<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/xkpszLG_D0Y” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>