जैसे को तैसा : शरद पवार ने जैसा मेरे पति के साथ 40 साल पहले किया, अजित पवार ने वैसा ही उनके साथ किया | Jaise Ko Tit: Sharad Pawar did what Ajit Pawar did to my husband 40 years ago.

जैसे को तैसा : शरद पवार ने जैसा मेरे पति के साथ 40 साल पहले किया, अजित पवार ने वैसा ही उनके साथ किया

जैसे को तैसा : शरद पवार ने जैसा मेरे पति के साथ 40 साल पहले किया, अजित पवार ने वैसा ही उनके साथ किया

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:39 PM IST
,
Published Date: November 25, 2019 6:37 am IST

मुंबई। महाराष्ट्र में शरद पवार के भतीजे अजित पवार की बगावत को 41 साल पहले के उस घटना से जोड़ा जा रहा है, जब शरद पवार ने कांग्रेस के नेता वसंत दादा पाटील को झटका देते हुए पार्टी छोड़ दी थी। यह 1978 की बात है, जब वह जनता पार्टी के समर्थन से महज 37 साल की उम्र में सूबे के सीएम बन गए और कांग्रेस देखती रह गई। अब दिवंगत नेता वसंत दादा पाटील की पत्नी शालिनी पाटील ने भी शरद पवार निशाना साधते हुए कहा है कि उनके साथ ‘जैसे को तैसा’ जैसी बात हुई है।

यह भी पढ़ें — 68 हजार 500 शिक्षक पदों पर निकली भर्ती, इस तारीख से भरे जाएंगे आवेदन, अभी जानिए पूरा डिटेल्स

वसंत दादा पाटील की पत्नी ने मौजूदा घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘शरद पवार ने जिस तरह का बर्ताव वसंत राव के साथ किया था, उनके साथ वैसा बर्ताव होना ही चाहिए था, जो अजित पवार ने बीजेपी के साथ जाकर किया है।’ बता दें कि अजित पवार एनसीपी के मुखिया शरद पवार के भतीजे हैं, जिन्होंने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया था।

यह भी पढ़ें — महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे पर फैसला कल सुबह 10.30 बजे, दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अजित पवार का यह एनसीपी को यह झटका देना परिवार में विरासत की जंग का उभरना है, जो लंबे समय से चली आ रही है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और अजित पवार को राजनीतिक तौर पर प्रतिद्वंद्वी माना जाता रहा है। शालिनी पाटील ने कहा कि शरद पवार ने 1978 में जो किया था, वह भी सत्ता हथियाने के लिए पीठ में खंजर मारने जैसा था। उन्होंने कहा कि गुप्त रूप से बगावत करने की बजाय वह वसंत दादा पाटील से सीधे तौर पर भी अपनी बात कह सकते थे।

यह भी पढ़ें — आज हो सकता नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान, दोपहर तीन बजे राज्य निर्वाचन आयोग की प्रेस वार्ता

गौरतलब है कि 1978 में फरवरी में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (एस) को 69 सीटें मिली थीं और कांग्रेस (आई) को 65 सीटें हासिल हुई थीं। जनता पार्टी ने 99 सीटों पर कब्जा जमाया था। तीनों ही दल अपने दम पर सरकार गठन की स्थिति में नहीं थी। इस पर कांग्रेस के ही दोनों धड़ों ने साथ आने का फैसला लिया था। लेकिन पवार ने पलटी मारते हुए 38 कांग्रेस विधायकों को साथ लेकर जनता पार्टी के साथ सरकार बना ली। उनकी यह सरकार दो साल चली थी।

<iframe width=”980″ height=”551″ src=”https://www.youtube.com/embed/7dcBukB52oY” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>