उन्होंने कहा कि हां, मैं हमेशा तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहता था। मैं 2009-10 में पीठ दर्द से परेशान रहा। मुझे कई तरह के स्कैन कराने पड़े, जो कि आपके शरीर के लिए सही नहीं होते लेकिन मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि पता चल सके कि मेरे पीठ दर्द की वास्तविक वजह क्या है।
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पठान ने कहा कि दुर्भाग्य से तब हमारे पास वैसी मशीनें नहीं थीं जिससे स्पष्ट पता चल पाता कि मेरी पीठ दर्द का क्या कारण है। मैं दो साल तक पीठ दर्द से जूझता रहा और स्थिति बिगड़ती रही, लेकिन मैंने रणजी ट्रॉफी में खेलना नहीं छोड़ा। पठान ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अपनी तरफ से पूरे प्रयास किए।
उन्होंने कहा कि उस दौर में मेरी गति कम हो गई थी, क्योंकि मैं पूरी तरह से फिट नहीं था। मैं अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रहा था क्योंकि मैं इस खेल को चाहता हूं। रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा की अगुआई भी की। मैं देश की तरफ से खेलना चाह रहा था और टेस्ट क्रिकेट में वापसी करना चाहता था। पठान ने अपने पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले की भी तारीफ की।
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