ईरान बोल रहा चीन की जुबान, चाबहार रेल प्रोजेक्ट से बाहर करने के बाद भारत के खिलाफ दिया बड़ा बयान | Iran speaking China's language Big statement against India after being excluded from Chabahar Rail Project

ईरान बोल रहा चीन की जुबान, चाबहार रेल प्रोजेक्ट से बाहर करने के बाद भारत के खिलाफ दिया बड़ा बयान

ईरान बोल रहा चीन की जुबान, चाबहार रेल प्रोजेक्ट से बाहर करने के बाद भारत के खिलाफ दिया बड़ा बयान

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:17 PM IST
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Published Date: July 16, 2020 9:15 am IST

तेहरान । भारत का अच्छा दोस्त ईरान अब चीन का पसंदीदा बन गया है। वहीं अमेरिका से बिगड़ते रिश्तों के बीच ईरान भी चीन का साथ चाहता है। दरअसल चीन से विवाद और अमेरिका से रिश्ते बेहतर करने की रणनीति के तहत ईरान के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर फर्क पड़ा है। ईरान इस वजह से भारत से नाराज है। यही वजह है कि चाबहार के सामरिक रूप से अहम रेल प्रोजेक्ट से भारत को बाहर करने के बाद ईरान ने बुधवार को बेल्ट ऐंड रोड और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का समर्थन किया है।

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बता दें कि ईरान में भारत द्वारा बनाए गए चाबहार बंदरगाह को पाकिस्तान-चीन आर्थिक कॉरिडोर के तहत बनाए गए ग्वादर बंदरगाह का जवाब माना जाता रहा है। हालांकि, अब ईरान चीन के साथ अपने संबंध बढ़ा रहा है। चीन जल्द ही ईरान में 400 अरब डॉलर की डील पर आगे बढ़ रहा है । इस डील के पहले ईरान के राजदूत ने भारत का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारा साफ था। ईरानी राजदूत ने चाबहार के रेल प्रोजेक्ट पर भारत के बिना ही काम शुरू करने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, जब कुछ देशों की सरकारें ईरान के साथ अपने संबंधों को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं और सामान्य बातचीत के लिए भी उन्हें दूसरों की इजाजत लेनी पड़ रही हो तो वे लंबे समय की साझेदारी पर कैसे काम कर पाएंगे। 

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ईरान के राजदूत ने भारत के उम्मीद के विपरीत कहा कि, निश्चित तौर पर, बेल्ट ऐंड रोड परियोजना और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर क्षेत्रीय विकास के लिए उपयुक्त मंच है, खासकर ईरान, पाकिस्तान और चीन के लिए। विकास का ये मॉडल केवल हमारे लिए ही नहीं बल्कि क्षेत्र के दूसरे देशों के बीच सहयोग का भी एक मॉडल है। वहीं ईरान में पाकिस्तान के राजदूत सैय्यद मोहम्मद अली हुसैनी ने ईरान के इस बयान को हाथों हाथ लिया है। पाकिस्तान ने कहा है कि बीआरआई और सीपीईसी चीन, ईरान और पाकिस्तान समेत पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद है।

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बता दें कि ईरान ने भारत की तरफ से फंडिंग में देरी का हवाला देते हुए चाबहार के रेल प्रोजेक्ट पर अकेले ही काम शुरू कर दिया है। हालांकि, ईरान के कुछ अधिकारियों ने कहना है कि अगर भारत बाद में शामिल होना चाहे तो उसके लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। ईरान ने भारत से दूरियां बनाना शुरु किया है,वहीं चीन से नजदीकियां बढ़ाने की दिशा में तत्पर है। ईरान ने चीन के साथ 25 सालों के लिए 400 अरब डॉलर की रणनीतिक साझेदारी की है। वहीं चाबहार के रेल प्रोजेक्ट से भारत के बाहर होने और चीन की ईरान के साथ हुई मेगाडील के बाद चाबहार और ग्वादर बंदरगाह चीन के लिए फायदा का सौदा साबित होने जा रहा है। पाकिस्तान और ईरान इसे पहले भी सिस्टर पोर्ट्स कहते रहे हैं। ग्वादर बंदरगाह और चाबहार इलाके के बीच की दूरी 100 किमी से भी कम है।