नई दिल्ली। राम मंदिर जन्म स्थान विवाद में प्रमुख मुस्लिम पक्षकार इक़बाल अंसारी को राम मंदिर शिलान्यास समारोह का निमंत्रण मिला है। इक़बाल अंसारी ने कहा है कि वो निमंत्रण स्वीकार करेंगे, और 5 अगस्त को भव्य समारोह में शिरकत करेंगे।
इक़बाल अंसारी ने कहा, “ये राम जी की इच्छा है कि मुझे निमंत्रण मिला। मैं इसे स्वीकार करता हूं। जिस दिन प्रधानमंत्री जी आएंगे उस दिन अयोध्या की खूबसूरती और बढ़ जाएगी।”
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class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">यूपी: अयोध्या
भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकार इक़बाल अंसारी को राम मंदिर
शिलान्यास समारोह का निमंत्रण मिला। इक़बाल ने कहा, "ये राम जी की
इच्छा है कि मुझे निमंत्रण मिला। मैं इसे स्वीकार करता हूं। जिस दिन
प्रधानमंत्री जी आएंगे उस दिन अयोध्या की खूबसूरती और बढ़ जाएगी।"
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ANI_HindiNews (@AHindinews) <a
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3, 2020</a></blockquote>
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इससे पहले मिली जानकारी के मुताबिक राम जन्म भूमि न्यास की आमंत्रित लोगों की सूची में तीन मुस्लिम इक़बाल अंसारी, यूपी शिया वक़्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी और यूपी सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष ज़फ़र फ़ारूक़ी का नाम शामिल था।
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बता दें कि इक़बाल अंसारी, मोहम्मद हाशिम अंसारी के बेटे हैं, जो राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक़ से जुड़े मुक़दमे के शुरूआती वादियों में से एक थे, और जिनकी 2016 में मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद उनके उत्तराधिकारी के रुप में इक़बाल अंसारी को कोर्ट में पक्षकार बनाया गया। पिछले साल नवम्बर में सुप्रीम कोर्ट ने, विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाए जाने के पक्ष में फैसला सुना दिया।
मंदिर बनने का रास्ता साफ होने के बाद इक़बाल अंसारी ने मीडिया से कहा था कि ‘अगर न्यौता मिलता है, तो मैं उसे स्वीकार करूंगा’। उन्होंने ये भी कहा, ये एक धार्मिक हिंदू समारोह है और इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं होगी, इसलिए मैं जाकर निमंत्रण नहीं मागूंगा, लेकिन अगर मिलता है तो मैं जाउंगा’।
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अयोध्या निवासी अंसारी ने कहा, कि उन्हें राम मंदिर निर्माण का विरोध करने का, कोई मतलब नज़र नहीं आता है। उन्होंने आगे कहा, ‘हमने 70 साल से ज़्यादा लड़ाई की, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला कर दिया, कि मंदिर बनना चाहिए तो फिर हम कुछ नहीं कर सकते। मैं अयोध्या में रहता हूं, इसलिए मैं यहां सुकून से ज़िंदगी गुज़ारना चाहूंगा.’।
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