अगली तिमाही में घट सकती हैं PPF, NSC, SSS जैसी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें, ये हैं कारण देखिए | Interest rates of small savings schemes like PPF, NSC, SSS may come down in next quarter, see the reasons

अगली तिमाही में घट सकती हैं PPF, NSC, SSS जैसी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें, ये हैं कारण देखिए

अगली तिमाही में घट सकती हैं PPF, NSC, SSS जैसी लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें, ये हैं कारण देखिए

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 PM IST
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Published Date: February 3, 2020 10:11 am IST

नई दिल्ली। अगली तिमाही में लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें घट सकती हैं। इस आशक के संकेत आर्थिक कार्य विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने दी है। उनका कहना है कि इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाया जा सकता है। बैंक जमा दरों में नरमी के बावजूद चालू तिमाही में सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती नही की है।

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वर्तमान में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये लघु बचत योजनाओं में और करीब 114 लाख करोड़ रुपये बैंक जमा के रूप में हैं, इससे बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपये से प्रभावित हो रही है। चक्रवर्ती ने कहा कि श्यामला गोपीनाथ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन ब्याज दरों को बाजार दरों से जोड़ने का काम चल रहा है, इस तिमाही के लिए ब्याज दरों का इंतजार कीजिए, यह आपको लगभग-लगभग अच्छे संकेत देगा।

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छोटी बचत योजनाओं की मौजूदा ब्याज दरें
>> पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund (PPF interest Rate): 7.9%
>> सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme Interest Rate): 8.4%>> वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizens Savings Scheme Interest Rate): 8.6%
>> नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स (National Savings Certificate (NSC) Interest Rate): 7.9%
>> किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra (KVP) Interest Rate): 7.6%
>> नेशनल सेविंग्स मंथली इनकम अकाउंट (Monthly Income Scheme Account, MIS Interest Rate): 7.6%
>> नेशनल सेविंग्स रेकरिंग डिपॉटिज अकाउंट (National Savings Recurring Deposit Account Interest Rate): 7.2%

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बैंकों का कहना है कि लघु बचतों पर ऊंचे ब्याज से उन्हें अपनी जमा ब्याज दरों में कटौती करने में परेशानी आ रही है, एक साल की परिपक्वता अवधि के लिए बैंकों की जमा ब्याज दर और लघु बचत दरों में करीब एक प्रतिशत का अंतर है, उन्होंने कहा कि भले सरकार लघु बचत योजनाओं पर निर्भर नहीं है, लेकिन सरकार का इन योजनाओं को समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।

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