रायपुर। पिछली सरकार की वादा खिलाफी और अधिकारियों की लापरवाही के कारण 50 करोड़ की लागत से रायपुर दूधाधारी मठ की जमीन पर बना इंटर स्टेट बस टर्मिनल प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया है। दरअसल जिस जमीन पर बस टर्मिनल बनाया गया है वह अभी भी मठ के नाम पर है, पिछली सरकार की वादा खिलाफी के कारण मठ ने जमीन सरकार के नाम नहीं किया था और यह स्थिति जस की तस बनी है।
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पिछली सरकार ने यहां बस टर्मिनल बनाने के लिए दूधाधारी मठ से लगभग 35 एकड़ जमीन मांगी थी और वादा किया था कि बदले में जमीन देगी इसके अलावा 4 वादे अलग से किए थे। लेकिन शासन ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया।
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वादा पूरा किए बगैर ही शासन ने बस स्टैंड में बनी दुकानों का टेंडर कर दिया है बाकी जमीन मठ के ही नाम है। ऐसे में धोखाधड़ी के मामले में फंसने के डर से वर्तमान अधिकारी भी टेंडर प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। महापौर प्रमोद दुबे भी इस बात को मान रहे हैं की पिछली सरकार ने गलती की और वो इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में दे चुके हैं।
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